*गैर इरादतन हत्या में सगे भाईयों समेत चार को दस-दस वर्ष का कठोर कारावास*
*जिला एवं सत्र न्यायाधीश संतोष राय की अदालत ने ठोका 1.60 लाख का अर्थदंड*
*करीब 10 वर्ष पूर्व शौच को लेकर हुए विवाद में बीएससी छात्र पर हुआ था प्राणघातक हमला व रिश्तेदार की गई थी जान*
*रिपोर्ट-अंकुश यादव*
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सुलतानपुर। गैर इरादतन हत्या के मामले में सगे भाईयों समेत चार आरोपियों को जिला एवं सत्र न्यायाधीश संतोष राय की अदालत ने दोषी ठहराया है। चारों दोषियों को जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने 10-10 वर्ष के कठोर कारावास एवं 40-40 हजार रूपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई है।
मामला कोतवाली नगर क्षेत्र के पूरे इमामदीन का पुरवा मजरे पांचो पीरन इलाके से जुड़ा है। जहां पर हुई घटना का जिक्र करते हुए अभियोगी अमित गुप्ता निवासी शहजादपुर-अकबरपुर जिला अम्बेडकर नगर ने 18 मार्च 2010 को कोतवाली नगर में मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक वह केएनआई विद्यालय में बीएससी प्रथम वर्ष का छात्र रहा, जो कि पांचोपीरन के रहने वाले रब्बन के मकान में किराए पर रहता था। उसके चचेरे जीजा पारसनाथ व बहन भी इसी इलाके में रहते थे। इनके अलावा चचेरा भाई अनिल भी घटना के दिन मिलने आया हुआ था। आरोप के मुताबिक एक दिन पहले अभियोगी रेलवे लाइन के पार शौंच के लिए गया था, जिसको लेकर पास में ही रहने वाले आरोपी नूर मोहम्मद से कहा-सुनी हुई थी। इसी के अगले दिन पैसे के लिए जाते समय रास्ते में रोककर आरोपी नूर मोहम्मद उसके पुत्र मो. सिराज, मो. वसीम एवं सहआरोपी सगे भाई झब्बू उर्फ दिलशाद व राजू ने लाठी-डंडों से अभियोगी व साथ मे मौजूद उसके रिश्तेदार पर प्राणघातक हमला कर दिया। जिससे पारसनाथ व अभियोगी को काफी चोटें आई। पारसनाथ की हमले में आई चोटों के चलते घटना के आठ दिन बाद मृत्यु हो गयी। इस मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल हुआ। मामले का विचारण जिला एवं सत्र न्यायालय में चला। जिस पर सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अपने साक्ष्यों एवं तर्काें को प्रस्तुत कर सभी आरोपियों को बेेकसूर बताया। वहीं जिला शासकीय अधिवक्ता तारकेश्वर सिंह ने सात गवाहों को परीक्षित कराया और सभी आरोपियों की घटना का जिम्मेदार ठहराया। विदित हो कि विचारण के दौरान आरोपी नूर मोहम्मद की मृत्यु हो चुकी है। शेष चार आरोपियों को अदालत ने गैर इरादतन हत्या सहित अन्य धाराओं में दोषी करार दिया है। जिन्हें अदालत ने 10-10 वर्ष के कठोर कारावास एवं कुल एक लाख 60 हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। अदालत ने अर्थदण्ड की धनराशि में से 90 प्रतिशत राशि मृतक की पत्नी को देने का आदेश पारित किया है।