*बेसिक विभाग के परियोजना में तैनात पिस्टल बाबू बना नटवरलाल*
अभी तक आपने नटवरलाल की कहानी सुनी होगी , नटवरलाल अपना नाम व जगह बदलकर बड़े ही बेबाकी से हेरा फेरी ठगी करता था , *लेकिन आज हम बेसिक शिक्षा विभाग के परियोजना में तैनात नटवरलाल संविदा कर्मी की हेरा फेरी की कहानी बताऊंगा कि परियोजना में तैनात यह संविदा कर्मी नटवरलाल कैसे तमाम बी एस ए को शिकंजे में कर करोड़ो की संपति का मालिक बन बैठा है* ।
जानकारों की माने तो लगभग दो दशक पहले 3 से पांच हजार रुपये वेतन पाने वाला यह संविदा कर्मी पहले तो परियोजना की नौकरी में किसी तरह घुसपैठ किया , *और जब सर्व शिक्षा अभियान के मद में सरकार द्वारा अनुमोदित धनराशि देखा तो इसकी आंखे पलट गई , इस धनराशि में कैसे सेंध मारी जाय जिसके लिये अधिकारियों का करीबी बनने की सोचने लगा अधिकारियों के घरों से लेकर ऑफिस तक कि जरूरतों का सामान मुहैया कराता और अधिकारियों से एक के बजाय दस का बिल लगाकर भुगतान लेता* , फिर भी अधिकारी इसके मन माफिक न चलते, जानकर यहाँ तक बताते है कि दो दशक से अब तक चाहे विभाग के वाहन का ठेका हो , खाद्यान की आपूर्ति का टेंडर हो , किताबो की ढुलाई का काम हो ऐसे तमाम बड़े बड़े ठेकों में टेंडरों की फाइल में हेरा फेरी कर विभाग के अधिकारियों से लेकर कई तत्कालीन जिलाधिकारी व मुखय विकास अधिकारियों को चकमा देकर टेंडर पास कराकर मोटी रकम ठेकेदारों से उसूल करता था , *यही नही जानकर यह भी बताते है कि तत्कालीन चाहे जिलाधिकारी विवेक कुमार रहे हो , या फिर जिलाधिकारी सी इंदुमती रही हो या फिर सी डी ओ हुलगी, राम यज्ञ मिश्रा , अतुल वत्स जैसे तमाम तत्कालीन सी डी ओ के कार्यकाल रहे हो सभी ने इस नटवरलाल संविदा कर्मी के कारनामो को अच्छी तरह से जाना है और परखा है, जानकारों की माने तो यह भी बताया जाता है कि लगभग दो दशक से जितने भी विभाग में टेंडर हुए है , जितनी भी संविदा सहित अन्य पदों पर नियुक्तियां हुई है इसकी फाइल आज भी इस नटवर लाल संविदा कर्मी के पास है , और बहुत सी सारी महत्वपूर्ण फाइलें गायब भी है , जिसके चलते शायद बेसिक शिक्षा में जो भी बी एस ए नवागत के रूप में आता है* , उस बी एस ए को यह नटवरलाल परियोजना का संविदा कर्मी उन्हें शिकंजे में कर मलाई खाने वाले महतवर्ण विभाग का चार्ज हथियाने में सफल रहता है ।
जिसका उदाहरण बेसिक शिक्षा विभाग में देखने को मिल रहा है , *बेसिक शिक्षा अधिकारी दीपिका चतुर्वेदी परियोजना के इस नटवर लाल संविदा कर्मी को समेकित सामुदायिक शिक्षा , परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों की निलंबन बहाली , जैसे बालिका शिक्षा के कार्य को देख रहे ओ पी तिवारी से चार्ज लेकर इस नटवरलाल संविदा कर्मी को दे दिया गया है, इसी के साथ सर्व शिक्षा अभियान सहित बेसिक के बड़े बड़े ठेकों के टेंडर कराने की जिम्मेदारी इस नटवरलाल संविदा कर्मी देख रहा था और देखता चला आ रहा है* ।
अगर जानकारों की बाते अगर सत्य है तो यह कहा जा सकता है कि बेसिक शिक्षा अधिकारी दीपिका चतुर्वेदी भी इस नटवर लाल के शिकंजे में फंस कर योगी सरकार में नियम व कानून की धज्जियां उड़ाते दिख रही है , तभी तो बी एस ए साहिबा का बयान भी इस नटवरलाल संविदा कर्मी के पक्ष में निकलते आता दिख रहा है , बेसिक शिक्षा अधिकारी का बयान है कि डी सी भी संविदा के है तो चार्ज संविदा कर्मी लिपिक को दे दिया गया है तो क्या दिक्कत है , वही फिर यह भी बयान है कि इस संविदा कर्मी को कोई चार्ज नही दिया गया है , *वही जानकर यह दावा करते है कि सारे विभागों की फाइलों की जांच की जाय तो इस नटवरलाल संविदा कर्मी के हस्ताक्षर से ही पत्रावली आगे बढ़ी होगी*
आगे भी पढ़ते रहिये आप को पढ़ाते रहेगे इस नटवरलाल लाल संविदा कर्मी पर किसका है हस्तप्रभ , कैसे हुई तैनाती कौन है इसका गुरु
*परत दर परत खोलेंगे वह राज, जो दशकों से छुपा है बेसिक शिक्षा में राज*