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*किसानों की आय दुगुना विषय पर वाद विवाद प्रतियोगिता का हुआ आयोजन* *पक्ष और विपक्ष में रखे गये तर्क* *KNIPSS के कृषि संकाय में हुआ आयोजन*

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*किसानों की आय दुगुना विषय पर वाद विवाद प्रतियोगिता का हुआ आयोजन*

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*पक्ष और विपक्ष में रखे गये तर्क*

*KNIPSS के कृषि संकाय में हुआ आयोजन*

सुल्तानपुर।के. एन. आई. पी. एस. एस. के कृषि संकाय में ” 2022 तक किसानों की आय दोगुना – एक सपना या हकीकत ? ” विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का संचालन कर रहे ई. पी. सी. यादव ने बताया कि पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के बरेली में एक किसान रैली को संबोधित करते हुए आधिकारिक तौर पर घोषणा की थी कि आने वाले 2022 में जब देश अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा होगा, तो किसानों की आय दोगुनी हो चुकी होगी। बीते 28 फरवरी को किसानों की आय दोगुना करने के वादे का चौथा साल पूरा हुआ है।

विषय के विपक्ष में कृषि स्नातक प्रथम वर्ष के छात्र आनंद कुमार वर्मा व आदित्य कुमार वर्मा, छात्रा ख़ुशी सिंह व श्रद्धा सिंह ने कहा कि भविष्य में महत्‍वाकांक्षी है लक्ष्‍य।

 

वर्तमान में कृषि आय में कितनी वृद्धि हो रही है, इसका आंकड़ा मौजूद नहीं है। अशोक दलवई की अध्यक्षता वाली समिति ने थोक मूल्यों के आधार पर 2022 तक किसानों की वार्षिक आय को वर्तमान 96,000 रुपये से 1.92 लाख रुपये तक बढ़ाने के लिए एक विस्तृत रणनीति के साथ रिपोर्ट प्रस्तुत करने का कार्य किया था।

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लिए वार्षिक कृषि विकास दर 14.86 फीसदी होना चाहिए। लेकिन, यहां यह स्पष्ट कर देना जरूरी है कि भारतीय कृषि के इतिहास में कभी भी किसी वर्ष के लिए ऐसी कृषि वृद्धि दर हासिल नहीं हुई है।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) की रिपोर्ट के अनुसार भी वर्ष 2019-20 में कृषि विकास दर का अनुमान 2.8% ही है। अतः इसका निष्कर्ष यही निकलता है कि सरकार सिर्फ सपने दिखा रही है क्योंकि आंकड़े कहीं से भी कृषि में वृद्धि को इंगित नहीं कर रहे हैं।

वहीं विषय के पक्ष में कृषि स्नातक प्रथम वर्ष के छात्र प्रांजल राय व उपहार कुमार, छात्रा प्रगति द्विवेदी व प्राची प्रकाश ने कहा कि मोदी सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के लिए बहुत से महत्वपूर्ण योजनाएं चला रही है। जैसे – ई-नाम, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, कृषि में मशीनीकरण योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना, जैविक खेती योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना ये बताती है कि कृषि क्षेत्र में हमारा Dदेश विकासशील है।

के एन जी आई के डायरेक्टर जनरल प्रोफेसर डॉ एस डी शर्मा ने प्रतिभागी छात्र छात्राओं को प्रतिभाग के लिए धन्यवाद दिया तथा भविष्य मे प्रतिभाग के लिए प्रेरित किया।

उक्त कार्यक्रम में कृषि स्नातक के समस्त छात्र-छात्राओं के साथ -साथ सहायक प्राध्यापक डॉ. बी. यम. पांडेय, डॉ. नवलडे भारती, डॉ. शशांक सिंह, डॉ, अभिनव कुमार सिंह इत्यादि उपस्थित रहे।

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