-योगी सरकार भले ही प्रदेश में जीरो टारलेन्सी का दावा पेश करती हो, लेकिन सुल्तानपुर में पुलिस विभाग के कर्मचारी इसे पलीता लगाने में कोई कोर कसर न छोड़ते नजर आ रहे है। जयसिंहपुर थाने के एक दरोगा का खुल्लमखुल्ला घूस मांगने का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।दरोगा जी वायरल ऑडियो में 15 हजार रुपये की घूस मांगते नजर आ रहे है। जिससे पुलिस महकमे में हड़कम्प मच गया है।
– ये पूरा मामला जुड़ा है जयसिंहपुर कोतवाली क्षेत्र से।पीडित राम आशीष की माने तो किसी बोलोरो ने आशुतोष पाण्डेय नामक युवक को टक्कर मार दी और वो घायल हो गया।मानवता के नाते राम आशीष ने घायल का इलाज कराने में उसे अस्पताल पहुँचाकर हर सम्भव मदद किया था। मिली जानकारी के मुताबिक मौजूद भीड़ ने एक्सीडेंट करने वाली बोलेरो को क्षतिग्रस्त कर दिया था,लेकिन उस समय राम आशीष पांडेय ,आशुतोष पांडेय को लेकर अस्पताल में था बावजूद इसके इस घटना के अगले दिन पता चला कि बोलोरो सवार ने घायल और राम आशीष पर ही जयसिंहपुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवा दिया। लेकिन पुलिसिया सिस्टम ने पीडित का मुकदमा दर्ज नही किया और लगातार उन्हे दौड़ाते रहे। मामला जब तत्कालीन एसपी के संज्ञान में आया तो उनके निर्देश पर एक्सीडेंट करने वाले के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। मामले में जब राम आशीष पांडेय ने निष्पक्ष जांच कर फर्जी केस खत्म करने की मांग की तो दरोगा जगदीश यादव ने पूरे हक के साथ निष्पक्ष जांच में सहयोग के नाम पर 15 हजार रुपये की डिमांड की और इसके साथ साथ कोर्ट में सीडी और विवेचना रिपोर्ट दाखिल करने के लिए खर्चे अलग से मांग बैठे। मजबूरन राम आशीष ने घूसखोरी के नाम पर मांगे आठ हजार रुपये दे भी दिए। मिली जानकारी के मुताबिक दरोगा जगदीश यादव ने निष्पक्ष जांच के नाम पर रुपये लेने के बाद भी मनमानी तफ्तीश कर पीड़ित पक्ष को भी मुल्जिम बना दिया और जब राम आशीष ने उनसे बात की तो दरोगा और भी रुपये मांगने लगा। जब राम आशीष ने दरोगा जी को पैसा देने से इनकार किया तो खार खाए दरोगा जी ने वर्दी की पावर दिखाकर दबाव बनाने के लिए राम आशीष पर 110जी एक्ट के अंतर्गत कार्यवाही दिखाकर यानी गुंडा बना डाला।