*नगर कोतवाल के खिलाफ मनमानी तफ्तीश पर मुकदमा दर्ज,23 मई के लिए कोर्ट में तलब*
*स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा की अदालत ने लचर तफ्तीश के सम्बंध में स्पष्टीकरण मांगने पर कोतवाल राम आशीष उपाध्याय के जरिये संतोषजनक जवाब न देने पर लिया संज्ञान*
*नगर पालिका चेयरमैन बबिता व उनके पति अजय जायसवाल समेत करीब डेढ़ दर्जन लोगों के खिलाफ दर्ज छेड़खानी व पॉक्सो एक्ट से जुड़े मामले में लचर तफ्तीश का मामला*
*रिपोर्ट-अंकुश यादव*
——————————————–
सुलतानपुर। नगरपालिका चेयरमैन समेत करीब डेढ़ दर्जन लोगों के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर दर्ज छेड़खानी व पॉक्सो एक्ट समेत अन्य गंभीर आरोपो से जुड़े मामले में नगर कोतवाल ने मनमानी तफ्तीश कर आरोपियो को क्लीन चिट दे दी। विवेचना में कई त्रुटियां दिखने पर स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा ने कोतवाल से जवाब मांगा तो वह संतोषजनक उत्तर भी नहीं दे सके। कोर्ट ने कोतवाल राम आशीष उपाध्याय की इस लापरवाही पर संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ पुलिस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर 23 मई के लिए व्यक्तिगत रूप से तलब किया है।
मामला कोतवाली नगर क्षेत्र से जुड़ा है। जहां पर 29 मई 2021 की शाम हुई घटना का जिक्र करते हुए अभियोगिनी ने नगर पालिका चेयरमैन बबिता जायसवाल,उनके पति अजय जायसवाल समेत 14 लोगों के खिलाफ नामजद एवं उनके अज्ञात साथियों के खिलाफ छेड़खानी एवं पॉक्सो एक्ट समेत अन्य गंभीर आरोपों से जुड़े मामले में पुलिस में सुनवाई न होने पर कोर्ट में अर्जी दी। बीते 28 जुलाई को स्पेशल कोर्ट ने मामले में मुकदमा दर्ज कर निष्पक्ष जांच के लिए नगर कोतवाल को आदेशित किया था। मामले में कोर्ट के आदेश पर कोतवाली नगर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ। प्रकरण की तफ्तीश पहले सीताकुंड चौकी प्रभारी कमलेश यादव को मिली, उनके जरिये की जा रही विवेचना पर सवाल उठा तो विवेचना नगर कोतवाल के सुपुर्द कर दी गई, लेकिन उनका भी वही हाल रहा। सामने आए तथ्यों के मुताबिक नगर कोतवाल राम आशीष उपाध्याय ने न तो चश्मदीद गवाहों का बयान दर्ज किया और न ही मामले से जुड़े अन्य साक्ष्यों को सही ढंग से संकलित किया। यहां तक कि विवेचना का अहम अंग माने जाने वाले नक्शा-नजरी को भी नहीं बनाया और विवेचना का कोई भी पर्चा कम्प्यूटर में इंट्री नहीं किया,बल्कि मनमानी तरीके से तफ्तीश कर आरोपियों को अनुचित लाभ देते हुए क्लीन चिट दे दी। कोर्ट ने नगर कोतवाल के जरिए की गई मनमानी तफ्तीश पर संज्ञान लेते हुए उन्हें नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा तो नगर कोतवाल के जरिये कोर्ट को भेजा गया जवाब भी गोलमोल ही रहा। कोर्ट ने कोतवाल की इस लापरवाही पर माना कि उन्होंने पूर्व विवेचक कमलेश यादव के जरिए की गई लचर विवेचना की नकल उतार कर आगे की विवेचना की मात्र खानापूर्ति कर दी है, और आरोपियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा ने मामले में संज्ञान लेते हुए नगर कोतवाल के खिलाफ पुलिस एक्ट की धारा -29 के तहत मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। अदालत ने कोतवाल को व्यक्तिगत रूप से तलब करने का आदेश जारी कर मामले में 23 मई की तारीख तय की है।