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सुल्तानपुर

KNIPSS में बौद्धिक संपदा अधिकार विषय पर वर्कशॉप का हुआ आयोजन। बौद्धिक संपदा अधिकार के विभिन्न पहलुओं पर की गई चर्चा। मुख्य वक्ता के रूप में मोहम्मद अतिकुल्ला ने किया लोगों को संबोधित। संस्थान के प्राचार्य आलोक कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुआ कार्यक्रम। ऑफ लाइन और ऑनलाइन दोनों मोड में चलाया गया कार्यक्रम।

सुलतानपुर

*KNIPSS में बौद्धिक संपदा अधिकार विषय पर वर्कशॉप का हुआ आयोजन*

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*बौद्धिक संपदा अधिकार के विभिन्न पहलुओं पर की गई चर्चा*

*मुख्य वक्ता के रूप में मोहम्मद अतिकुल्ला ने किया लोगों को संबोधित*

*संस्थान के प्राचार्य आलोक कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुआ कार्यक्रम*

*ऑफ लाइन और ऑनलाइन दोनों मोड में चलाया गया कार्यक्रम*

सुलतानपुर के कमला नेहरू भौतिक एवं सामाजिक विज्ञान संस्थान में आज एक कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में मोहम्मद अतिकुल्ला, सहायक नियंत्रक पेटेंट एवं डिजाइन, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान प्राचार्य प्रोफेसर आलोक कुमार सिंह ने की। आयोजन सचिव डॉ अवधेश प्रताप सिंह ने बताया कि यह कार्यक्रम ऑफ लाइन एवं ऑन लाइन दोनों मोड में चलाया गया। मुख्य वक्ता के रूप में आपने हर पहलू को प्रतिभागियों के समक्ष बड़ी रोचकता एवं सहजता से रखा। आपने कहा कि पेटेंट क्यों मिलता है हमारे पास दादा नानी के नुस्खों का कोई रिकॉर्ड नहीं है अन्यथा वह भी हमारे पेटेंट होते। अगर कोई invention की है तो उसका पेटेंट कीजिए, पेटेंट फाइल कीजिए। चाहें कोई कितना भी खास हो अपना आइडिया शेयर ना करें।

इस वर्कशॉप में बौद्धिक संपदा अधिकार व उससे संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई है।
मनुष्य अपनी बुद्धि से कई तरह के आविष्कार और नई रचनाओं को जन्म देता है। उन विशेष आविष्कारों पर उसका पूरा अधिकार भी लेकिन उसके इस अधिकार का संरक्षण हमेशा से चिंता का विषय भी रहा है। यहीं से बौद्धिक संपदा और बौद्धिक संपदा अधिकारों की धारा प्रारंभ होती है। यदि हम मौलिक रूप से कोई रचना करते हैं और इस रचना का किसी अन्य व्यक्ति द्वारा गैर कानूनी तरीके से अपने लाभ के लिये प्रयोग किया जाता है तो यह रचनाकार के अधिकारों का स्पष्ट जब दुनिया में बहस तेज हुई कि कैसे बौद्धिक संपदा अधिकारों की रक्षा की जाए तब संयुक्त राष्ट्र के एक अभिकरण विश्व
बौद्धिक संपदा संगठन (World Intellectual Properly (Openiention-WIPO) की स्थापना की गई इस संगठन के प्रयासों से ही बौद्धिक संपदा अधिकार के महत्त्व को प्रमुखता प्राप्त हुई।
इस आलेख में बौद्धिक संपदा अधिकार उसके प्रकार, बौद्धिक संपदा के संदर्भ में भारत का नजरिया और विश्व बौद्धिक संपदा संगठन पर विमर्श करने का प्रयास किया जाएगा।
क्या है बौद्धिक संपदा अधिकार
व्यक्तियों को उनके बौद्धिक सृजन के परिप्रेक्ष्य में प्रदान किये जाने वाले अधिकार ही बौद्धिक संपदा अधिकार
कहलाते। हैं। बौद्धिक संपदा अधिकार दिये जाने का मूल उद्देश्य मानवीय बौद्धिक सृजनशीलता को प्रोत्साहन देना है। टेक्निकल सहायक के रूप में डॉ आलोक वर्मा एवं डॉ अवधेश दुबे रहे।
इस अवसर पर डॉ राकेश पाण्डेय, डॉ आर पी सिंह, डॉ प्रवीण कुमार सिंह, डॉ ओ पी सिंह, श्री आर सी श्रीवास्तव, अनिल सिंह एवं संस्थान के अनेक छात्र उपस्थित रहे। अंत में डॉ अवधेश प्रताप सिंह ने आयोजन से जुड़े सभी लोगों के लिए आभार ज्ञापित किया।

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