*जगदम्बा ट्रांसपोर्ट के मालिक राधेश्याम शर्मा को जिला जज की कोर्ट से झटका,नहीं मिली अग्रिम बेल,जाना पड़ेगा जेल ?*
*फर्जीवाड़ा कर एक नम्बर पर दो लग्जरी बस चलवाकर टैक्स चोरी करने एवं किशोरी से गैंगरेप समेत अन्य आरोपो से जुड़ा है मामला*
*रिपोर्ट-अंकुश यादव*
——————————————-
सुलतानपुर। फर्जीवाड़ा कर एक ही नम्बर की दो बसें चलवाकर टैक्स चोरी करने एवं इसी के सहारे अन्य अपराधो को अंजाम देने से जुड़े गंभीर मामले में जगदम्बा ट्रांसपोर्ट के मालिक को जिला एवं सत्र न्यायालय से बड़ा झटका लगा है। जिला जज संतोष कुमार राय की अदालत ने ट्रांसपोर्ट मालिक की मांग को जायज न मानते हुए अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है, जिससे उनके जेल जाने की उम्मीदें बढ़ गई है।
मालूम हो कि बीते 29 जून को कूरेभार थाने की पुलिस ने कस्बे में खड़ी एक लग्जरी बस में किशोरी के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम देने के आरोप में आरोपीगण शिवपूजन सिंह निवासी गलिबहा-कूरेभार, कुलदीप साहू,हरि मंगल यादव व इन्हीं के साथ घटना में शामिल एक लड़की के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। मामले में आरोपी शिवपूजन सिंह समेत अन्य को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। इसी मामले में बरामद की गई लग्जरी बस जगदम्बा ट्रांसपोर्ट की बताई गई है। फिलहाल मुकदमे की कथित पीड़िता ने पुलिस के जरिए बनाई गई इस कहानी पर सवाल खड़ा किया है। हालांकि पीड़िता किशोरी पक्ष ने किन परिस्थितियों में और किस वजह से पुलिस की कहानी को चैलेंज किया है यह जांच का विषय है। इसी मामले के बाद पुलिस ने जगदम्बा ट्रांसपोर्ट की लग्जरी बस के बारे में पुलिस ने छानबीन की तो पता चला कि फर्जीवाड़ा कर यूपी 44-टी-7677 के नम्बर पर दो लग्जरी बसों का संचालन अवैध तरीके से कराया जा रहा था, पीछे की सच्चाई यह पता चली है कि टैक्स चोरी से बचने व फर्जी नम्बर के सहारे अपने अन्य कारनामों को छुपाने एवं कानूनी दांव-पेंच से खुद को सुरक्षित करने के लिए इस तरीके का खेल खेला जा रहा था । फिलहाल पुलिस ने जगदम्बा ट्रांसपोर्ट की लग्जरी बसो से जुड़े फर्जीवाड़े के खेल में बसो की बरामदगी कर मामले में ट्रांसपोर्ट के मालिक राधेश्याम शर्मा निवासी विवेक नगर,थाना कोतवाली नगर, चालक सियाराम एवं राधेश्याम शर्मा के बेटे राजेंद्र प्रसाद शर्मा समेत चार लोगों के खिलाफ कूटरचना समेत अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज कराया है। मामले में सियाराम समेत अन्य को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा गया है। इसी मामले में सेटिंग गेटिंग के बल पर पुलिस की पकड़ से दूर बने ट्रांसपोर्ट मालिक राधेश्याम शर्मा की तरफ से अग्रिम जमानत के लिए जिला एवं सत्र न्यायालय में अर्जी प्रस्तुत की गई थी। जिस पर सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने पुलिस के जरिए मांगी गई वसूली की बड़ी रकम की डिमांड ना पूरी करने के चलते फर्जी केस में फंसा देने का आरोप लगाया है,जबकि अभियोजन पक्ष ने पुलिस की कहानी को सही ठहराते हुए आरोपियों के जरिए फर्जीवाड़ा कर आपराधिक वारदातों को अंजाम देने का तर्क पेश किया। उभय पक्षो को सुनने के पश्चात जिला एवं सत्र न्यायाधीश संतोष कुमार राय की अदालत ने ट्रांसपोर्ट मालिक की मांग को ठुकराते हुए अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है। अदालत के इस आदेश से ट्रांसपोर्ट मालिक राधेश्याम शर्मा को बड़ा झटका लगा है और जेल जाने की उम्मीदें बढ़ गई है।