दरअसल नगर पालिका परिषद सुल्तानपुर के सभासद और भाजपा नेता संतोष सिंह ने अपनी ही पार्टी के चेयरमैन बबिता जायसवाल पर 85 लाख की एलईडी घोटाले का आरोप लगाते हुये उन्हें कटघरे में खड़ा कर दिया। जिलाधिकारी सुल्तानपुर से शिकायत करते हुये संतोष ने आरोप लगाया कि जिस एलईडी की कीमत बाजार में करीब 3700 रुपये है उसी एलईडी को 8075 रुपये में खरीद लिया गया। एक दो एलईडी होती तब भी कुछ ठीक था, लेकिन यहां तो 80 लाख से ज्यादा रुपए में 1000 एलईडी खरीद कर बंदरबांट का आरोप लगाते हुये सभासद डॉ संतोष सिंह पालिका प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया। आरोप लगाते ही पालिका प्रशासन में हड़कम्प मच गया। वहीं जिलाधिकारी ने मामला की जांच के लिये अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व उमाकांत त्रिपाठी को नियुक्त कर दिया। एडीएम ने जांच की तो मामला सही पाया गया। लिहाजा जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी के साथ साथ अपर मुख्य सचिव को भी प्रेषित कर दी गई। इस बात की जानकारी लगते नगर पालिका परिषद की चेयरमैन बबिता जायसवाल के प्रतिनिधि पति अजय जयसवाल को लगी तो वे बौखला उठे। पालिका प्रशासन पर लगे आरोपों खण्डन करते हुये प्रतिनिधि अजय जायसवाल ने सीधे सीधे अपरजिलाधिकारी उमाकांत त्रिपाठी को ही कटघरे में खड़ा कर संगीन आरोप लगा डाला। अजय की माने तो एडीएम उमाकांत त्रिपाठी लंभुआ नगर पंचायत के प्रशासक भी हैं। ऐसे में अपने पद का दुरुपयोग करते हुये PWD का शिड्यूल रेट
<span;> 9912 रुपए का है जिसके सापेक्ष 10200 रुपए टेंडर निकाला, जबकि 9 हज़ार से ज्यादा रुपए की दर एलईडी की खरीद की गई है। वहीं पालिका प्रशासन द्वारा 8 हज़ार रुपयों में एलईडी की खरीद की गई है।इतना ही नही जिस हाई मास्ट का pwd का शिड्यूल रेट करीब 5 लाख रुपये है उसे ही एडीएम द्वारा प्रति हाई मास्ट करीब 8 लाख 79 हज़ार से ज्यादा रुपयों में खरीदा गया। अजय जायसवाल ने आरोप लगाया कि ट्रांसपोर्ट नगर में बनी दुकानो की टीएसी जांच में निर्माण से संबंधित ठेकेदार, जेई और तत्कालीन अधिशाषी अधिकारी दोषी पाए गए। उन्होंने कहा जिस समय ये दुकान बनी थी उस समय के ठेकेदारों और जेई पर कार्यवाही की गई लेकिन एडीएम उमाकांत त्रिपाठी द्वारा तत्कालीन अधिशाषी अधिकारी दुर्गेश्वर त्रिपाठी पर इसलिये कार्यवाही नही की गई क्योंकि दुर्गेश्वर त्रिपाठी एडीएम उमाकांत त्रिपाठी के सगे दामाद हैं। अजय जायसवाल ने साफ कहा कि इसकी पूरी शिकायत जिलाधिकारी से की जाएगी और अगर इस मामले में कार्यवाही नही होती है तो धरना प्रदर्सन का रुख अख्तियार करेंगे।