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सुलतानपुर

मंगीता’ मौत कांड में डीएम से मिलकर भाई ने की री-पोस्टमार्टम की मांग,जिम्मेदारों की भूमिका पर उठा सवाल* *तहरीर मिलने के चार दिन बाद भी नही दर्ज हुई एफआईआर,आरोपियों के प्रभाव में काम करने का कोतवाली पुलिस पर आरोप। रामकुमार के जरिये पूर्व पत्नी के सम्पर्क में रहकर की जा रही वार्ता को लेकर चल रहा था विवाद,इसी बीच मंगीता की अपनी ससुराल में ही गई जान। मृतका का भाई मौत को असामान्य बताते हुए पुलिस व पीएम करने वाले चिकित्सक पर आरोपियों के प्रभाव में काम करने का आरोप लगाते हुए उठाई पुनः पोस्टमार्टम की मांग। पहले भी बिना पोस्टमार्टम कराये शव को जलाना चाहता था आरोपी पक्ष,पीएम के बाद भी शव को जलाना चाहते थे आरोपी,मायके वालों के विरोध पर गाड़ी गई लाश

*’मंगीता’ मौत कांड में डीएम से मिलकर भाई ने की री-पोस्टमार्टम की मांग,जिम्मेदारों की भूमिका पर उठा सवाल*

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*तहरीर मिलने के चार दिन बाद भी नही दर्ज हुई एफआईआर,आरोपियों के प्रभाव में काम करने का कोतवाली पुलिस पर आरोप*

*रामकुमार के जरिये पूर्व पत्नी के सम्पर्क में रहकर की जा रही वार्ता को लेकर चल रहा था विवाद,इसी बीच मंगीता की अपनी ससुराल में ही गई जान*

*मृतका का भाई मौत को असामान्य बताते हुए पुलिस व पीएम करने वाले चिकित्सक पर आरोपियों के प्रभाव में काम करने का आरोप लगाते हुए उठाई पुनः पोस्टमार्टम की मांग*

*पहले भी बिना पोस्टमार्टम कराये शव को जलाना चाहता था आरोपी पक्ष,पीएम के बाद भी शव को जलाना चाहते थे आरोपी,मायके वालों के विरोध पर गाड़ी गई लाश*

*रिपोर्ट-अंकुश यादव*
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सुलतानपुर। ‘मंगीता’ की मौत की गुत्थी हत्या व आत्महत्या के बीच उलझी हुई है। मृतका मंगीता के मायके वालों ने उसके पति रामकुमार की पूर्व पत्नी से हो रही वार्ता को लेकर चल रहे विवाद के चलते उसे व उसके सहयोगी ससुरालीजनों को मंगीता की मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है। फिलहाल पुलिस चार दिनों से मामले को जांच के नाम पर लटकाए हुए है, उधर मृतका के भाई ने पुलिस एवं पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक को आरोपियों के प्रभाव में कार्य कर सही रिपोर्ट न तैयार करने का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी रवीश कुमार गुप्ता से मिलकर वीडियोग्राफी के साथ डॉक्टरों के पैनल के जरिये री-पोस्टमार्टम की मांग की है। इस मामले में पुलिस व पोस्टमार्टम विभाग के जिम्मेदार अफसरों की कार्यशैली संदेहो से घिरी हुई है।
मामला कोतवाली नगर क्षेत्र स्थित पयागीपुर इलाके से जुड़ा है। जहां के रहने वाले रामकुमार के साथ धनपतगंज क्षेत्र के सडांव गांव निवासी सुनील कुमार ने करीब 13 वर्ष पूर्व अपनी बहन मंगीता की शादी संपन्न कराई थी, जिसके बाद रामकुमार से दो बच्चे भी पैदा हुए,बताया जा रहा है कि काफी दिनों तक सब कुछ सामान्य रहा और सब कुछ ठीक चलता रहा,लेकिन करीब दो वर्षो पूर्व से रामकुमार अपनी पहली पत्नी के भी संपर्क में आ गया और उससे फोन पर बातें करते उसकी पत्नी मंगीता ने देख लिया। इस बात को लेकर उसने विरोध जाहिर किया तो दोनों में विवाद होने लगा। मृतका के परिजनों की माने तो इस बात को लेकर अक्सर घर की चारदीवारी के बीच विवाद चलता रहा। रामकुमार के घर के कुछ लोग भी रामकुमार के कृत्यों के समर्थन में रहे। नतीजा यह रहा कि पूर्व पत्नी से हो रही वार्ता का विरोध करने पर रामकुमार व अन्य आरोपी ससुरालीजन मंगीता पर ही दबाव बनाने लगे और विरोध करने पर उसे मारने आदि की धमकी देने लगे। फिलहाल मामला परिवार से जुड़ा होने के चलते मंगीता व उसके मायके वाले इस बात को चारदीवारी के बाहर नहीं लाए, उन्हें उम्मीद थी कि शायद रामकुमार सुधर जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और उन लोगो ने मंगीता को ही रास्ते से हटाने का रास्ता चुन लिया। मृतका के भाई सुनील की माने तो अभी हाल में ही इसी बात को लेकर फिर रामकुमार व अन्य आरोपी ससुरालीजनों से मंगीता का विवाद हुआ था,जिसकी सूचना मिलने पर उसके मायके वाले उसकी ससुराल भी गए हुए थे और समझा-बुझाकर चले आए थे, लेकिन इसी के बाद बीते 14 मार्च को अचानक मंगीता की मौत हो जाने की सूचना मिली। सामने आई तस्वीरों के मुताबिक मंगीता के गले पर गहरा निशान मिला और उसके मरने की सूचना काफी देर तक पुलिस वालों को दी ही नही गई, बल्कि बिना किसी की मौजूदगी के शव के साथ छेड़छाड़ किया जाता रहा। आरोपों की मानो तो अपने सलाहकारो व पैरोकारों से राय सलाह लेकर उनके बताए अनुसार आरोपी पक्ष बचाव कार्य करता रहा। यहां तक की बगैर पोस्टमार्टम कराए ही शव को जला डालने की भी तैयारी हो गई थी, लेकिन मृतका के परिजनों ने उच्च अधिकारियों से शिकायत की बात कही तो हरकत में आए पुलिसकर्मियों ने मंगीता के शव का पोस्टमार्टम करवाया। मृतका के परिजनों की माने तो घटना की सूचना मिलने पर जब पुलिस पहुंची तो वह स्वयं भी लाश को देखकर हत्या की बात कह रही थी लेकिन बाद में अचानक उन्हें क्या हो गया कि वह आरोपियों का ही पक्ष लेते नजर आए और आरोपी पक्ष की तरफदारी करते हुए मौत के लिए किसी को न जिम्मेदार होने की बात कहने लगे, जबकि मंगीता के मरने की वजह कोई और नहीं बल्कि उसके पति व सहयोगी ससुराली जनों के साथ चल रहा विवाद ही था, लेकिन पुलिस अपनी भाषा में मामले की व्याख्या कर आरोपियों को बचाने में जुटी हुई है। मृतका के भाई सुनील की माने तो उसने मंगीता के पति रामकुमार व अन्य ससुरालीजनों को अपनी बहन की मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए मुकदमा दर्ज कर निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर तहरीर दी है, लेकिन चार दिन बीतने के बाद भी पुलिस ने मुकदमा नहीं दर्ज किया है, बल्कि आरोपियों के प्रभाव में मनमुताबिक कार्रवाई कर रही है और पीड़ित पक्ष से मामला फर्जी होने अथवा सुलह के लिए दबाव बना रही है। नतीजा यह है कि अभी तक हत्या तो दूर आत्महत्या के दुष्प्रेरण का भी मामला पुलिस नहीं मान रही है। मृतका के परिजनों ने आरोपियों से पुलिस की मिलीभगत होने व उनके प्रभाव में चिकित्सक के जरिये सही पोस्टमार्टम भी न होने का आरोप लगाया है और डीएम से मिलकर वीडियोग्राफी के साथ डॉक्टरों के पैनल के जरिए पोस्टमार्टम कराने की मांग की है। इस सम्बंध में नगर कोतवाल भूपेंद्र सिंह के जरिये गोल-मोल जवाब देते एफआईआर दर्ज न होने के पीछे मुकदमा दर्ज होने के पूर्व ही प्राथमिक जांच लम्बित होने की बात कही गई। पीड़ित पक्ष ने डीएम से इस प्रकरण में री-पोस्टमार्टम कराने की मांग कर न्याय की उम्मीद जताई है,अब देखना है प्रशासन इस मामले कोई प्रभावी कदम उठाता है या फिर जिन पर आरोप लग रहा है उन्हीं जिम्मेदार अफसरों की बातों पर भरोसा कर सब कुछ सही मान लेती है।

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