*मर्डर केस में लापरवाही पर जेल अधीक्षक को एफटीसी जज ने किया तलब*
*कोर्ट के आदेश के बावजूद जेल अधीक्षक ने मुल्जिम विनोद दूबे को पेश कराने में बरती लापरवाही*
*जज पीके जयंत ने अवमानना का दोषी मानते हुए जेल अधीक्षक को 22 मार्च के लिए किया तलब*
*दोस्तपुर थाना क्षेत्र में करीब आठ वर्ष पूर्व हुई हत्या के मामले में बाधित हो रहा ट्रायल*
*रिपोर्ट-अंकुश यादव*
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सुलतानपुर। हत्या व सबूत मिटाने के प्रयास के आरोप से जुड़े मामले में फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट के आदेश के बावजूद जेल में निरुद्ध बंदी को पेशी पर हाजिर न कराने पर जेल अधीक्षक-रायबरेली के खिलाफ कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। एफटीसी जज पीके जयंत ने अवमानना का दोषी मानते हुए कार्रवाई की चेतावनी देकर जेल अधीक्षक को 22 मार्च के लिए व्यक्तिगत रूप से तलब किया है।
मामला दोस्तपुर थाना क्षेत्र से जुड़ा है। जहां पर वर्ष 2013 में हुई हत्या व साक्ष्य मिटाने के प्रयास के आरोप से जुड़े मामले में आरोपी विनोद उर्फ पप्पू दूबे समेत अन्य को अभियुक्त बनाया गया। इस मामले में आरोपियों के खिलाफ विवेचक ने तफ्तीश पूरी कर आरोप पत्र भी दाखिल किया। मामले का विचारण एफटीसी प्रथम की अदालत में चल रहा है। इस मामले से जुड़ा अभियुक्त विनोद उर्फ पप्पू दूबे मौजूदा समय में जिला कारागार-रायबरेली में निरुद्ध है। मुकदमे से जुड़ी आवश्यक कार्रवाई में अदालत ने आरोपी विनोद उर्फ पप्पू दूबे को जिला कारागार- रायबरेली से नियत तिथि पर हाजिर कराने के सम्बंध में जेल अधीक्षक को आदेशित किया था, किंतु उनके जरिए कोर्ट के आदेश की अवमानना करते हुए लापरवाही बरती गई और आरोपी विनोद दूबे उर्फ पप्पू को कोर्ट में पेश नहीं कराया गया। जिस पर कड़ा रुख अपनाते हुए प्रथमदृष्टया जेल अधीक्षक-रायबरेली को दोषी मानते हुए उन्हें आईपीसी व सीआरपीसी की धाराओं के अंतर्गत कार्रवाई की चेतावनी देते हुए आगामी 22 मार्च के लिए व्यक्तिगत रूप से तलब किया है।