*दुष्कर्म प्रयास एवं जानलेवा हमले में ‘परबिन्दे सिंह’ को 10 वर्ष का कठोर कारावास*
*एफटीसी प्रथम पीके जयंत की अदालत ने सजा के अलावा ठोंका 62 हजार का अर्थदंड*
*कोर्ट ने अर्थदंड की धनराशि में से 60 हजार पीड़िता को प्रतिकर के रूप में देने का पारित किया आदेश*
*करीब साढ़े छह साल पहले की है घटना,लम्भुआ थाना का क्षेत्र का मामला*
*रिपोर्ट-अंकुश यादव*
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सुलतानपुर। धान की निराई कर रही महिला से दुष्कर्म प्रयास एवं विरोध करने पर धारदार हथियार से जानलेवा हमला करने के मामले में एफटीसी प्रथम/विशेष न्यायाधीश एमपी -एमएलए की अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया है। न्यायाधीश पीके जयंत ने दोषी को 10 वर्ष के कठोर कारावास एवं 62 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
मालूम हो कि लम्भुआ थाना क्षेत्र के खसड़े गांव के रहने वाले आरोपी प्रविंद्र उर्फ परविन्दे सिंह के खिलाफ अभियोगी ने 11 सितंबर 2014 की घटना बताते हुए लम्भुआ थाने में मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक अभियोगी की पत्नी घटना के समय धान की निराई कर रही थी, तभी उसे अकेला देखकर आरोपी प्रविंद्र उर्फ परविन्दे सिंह ने दुष्कर्म का प्रयास किया और जब अभियोगी की पत्नी ने विरोध किया तो आरोपी ने खुरपे से उसके शरीर पर कई जगह वार कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई। इस मामले में आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म के प्रयास व जानलेवा हमला समेत अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज हुआ एवं आरोपपत्र भी दाखिल हुआ। मामले का विचारण एफटीसी प्रथम की अदालत में चला। मामले में अभियोजन साक्षियों को अदालत तक लाने एवं अपने अन्य दायित्वो का ढंग से निर्वहन कर दोषी को उसकी करनी के अंजाम तक पहुंचाने में लम्भुआ थाने के पैरोकार सुखनिधान यादव ने अन्य कई मामलो की तरह इस मामले में भी ईमानदारी व निष्ठा से अपनी जिम्मेदारी निभाई। जिसके चलते प्रकरण के विचारण में काफी सहयोग मिला। मामले में विचारण के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अपने साक्ष्यों एवं तर्कों को पेश करते हुए आरोपी को बेकसूर बताया। वहीं अभियोजन पक्ष से शासकीय अधिवक्ता दान बहादुर वर्मा ने अभियोजन के छह गवाहों व अन्य साक्ष्यों को प्रस्तुत कर आरोपी परबिन्दे को ही घटना का जिम्मेदार ठहराया और उसे कड़ी से कड़ी सजा से दंडित किए जाने की मांग की। उभय पक्षो को सुनने के पश्चात न्यायाधीश पीके जयंत ने आरोपी प्रविंद्र उर्फ परबिन्दे सिंह को दुष्कर्म के प्रयास व जानलेवा हमले समेत अन्य आरोपो से जुड़ी धाराओं में दोषी ठहराया है, जिसे अदालत ने 10 वर्ष के कठोर कारावास एवं 62 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अदालत ने अर्थदंड की धनराशि में से 60 हजार रुपये प्रतिकर के रूप में पीड़िता को देने का आदेश पारित किया है।