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धम्मौर पुलिस ने ‘पूजा’ मौत कांड में मुकदमा तो अब तक नहीं दर्ज किया,लेकिन मासूम बच्ची के साथ बंद कमरे में की घिनौनी हरकत।मामला चर्चा में आने पर पुलिस ने मृतका की पुत्री व मां को बुलवाया थाने,पहले दी सुलह की सलाह,फिर बंद कमरे में डराकर लिया मनमाना बयान।मृतका की विधवा मां ने मृत बेटी की मासूम बच्ची संग एसपी समेत अन्य से की न्याय की मांग।घटना की चश्मदीद मासूम बच्ची ने अपने पिता व उसके साथियों के खिलाफ दिया है बयान,पुलिस जुटी मैनेजमेंट में,मानवता हुई शर्मसार।संज्ञेय अपराध में सूचना के बाद भी एफआईआर न दर्ज कर सीआरपीसी के नियमो व हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को भूली पुलिस

 

*धम्मौर पुलिस ने ‘पूजा’ मौत कांड में मुकदमा तो अब तक नहीं दर्ज किया,लेकिन मासूम बच्ची के साथ बंद कमरे में की घिनौनी हरकत*

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*मामला चर्चा में आने पर पुलिस ने मृतका की पुत्री व मां को बुलवाया थाने,पहले दी सुलह की सलाह,फिर बंद कमरे में डराकर लिया मनमाना बयान*

*मृतका की विधवा मां ने मृत बेटी की मासूम बच्ची संग एसपी समेत अन्य से की न्याय की मांग*

*घटना की चश्मदीद मासूम बच्ची ने अपने पिता व उसके साथियों के खिलाफ दिया है बयान,पुलिस जुटी मैनेजमेंट में,मानवता हुई शर्मसार*

*संज्ञेय अपराध में सूचना के बाद भी एफआईआर न दर्ज कर सीआरपीसी के नियमो व हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को भूली पुलिस*

*रिपोर्ट-अंकुश यादव*
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सुलतानपुर। ‘पूजा’ मौत कांड में पुलिस पीड़ित पक्ष को कई दिनों तक जांच व कार्यवाही के नाम पर गुमराह करती रही। मामला चर्चा में आया तो उच्चाधिकारियों के निर्देश पर धम्मौर पुलिस ने मृतका की मासूम बच्ची व मां को थाने बुलवाया,फिर परिवार की कमजोरी का जिक्र करते हुए केस न लड़ पाने की समस्या से डराते हुए सुलह की सलाह दी,इससे भी बात नही बनी तो मासूम बच्ची को ही डराकर मनमुताबिक बयान का वीडियो बन्द कमरे में बनाया गया और अभी तक इतने गम्भीर केस में तहरीर मिलने के कई दिन बाद भी मुकदमा तक नही दर्ज किया गया,आरोपियों पर कार्यवाही की बात तो बहुत दूर है। फिलहाल पुलिस का यह डर्टी-गेम उजागर हो गया है,जिसे जानकर आपकी भी सहम जायेंगे। ऐसे में पुलिस के इस घिनौना कारनामें ने पूरी व्यवस्था को ही सवालों में खड़ा कर दिया है।
मालूम हो कि धम्मौर थाना क्षेत्र के हालापुर-नरही भाटी गांव के रहने वाले वीरेन्द्र प्रताप सिंह से विधवा मां राजकुमारी सिंह निवासी पनियार-मुंशीगंज ने अपनी बेटी पूजा की शादी कुछ वर्षो पूर्व सम्पन्न करायी थी। आरोपो के मुताबिक वीरेन्द्र सिंह का चाल-चलन शुरू से ही ठीक नहीं था, जो कि नशेड़ी किस्म का व्यक्ति है, अपने नशे की लत के आगे पिता की मौत के बाद विरासत में मिली सम्पत्ति को भी बिगाड़ने की नौबत वीरेंद्र पर आ पड़ी। वीरेन्द्र व पूजा की एक बेटी भी है जो कि करीब सात वर्ष की है। मासूम बच्ची ने अपने पिता वीरेन्द्र प्रताप के जरिए अक्सर अपनी मां को प्रताड़ित किए जाने एवं साथियो संग मिलकर मार डालने की बात बयां की है। दरअसल में बीते छह अगस्त की रात में पूजा के जरिए आत्महत्या कर लेने की बात सामने लाई गई, लेकिन मायके वालों की माने तो उसके पति वीरेन्द्र व पूजा के बीच चल रही अनबन से मामला साफ हत्या की ओर ही इशारा कर रहा है,पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी हत्या की ओर ही ज्यादा सपोर्ट कर रही है। अगर किन्ही परिस्थितियों में हत्या के सबूत नहीं भी मिलें तो आत्महत्या तो तय ही है, जिसकी वजह भी कोई और नहीं बल्कि मृतका का पति वीरेन्द्र प्रताप सिंह ही है। ऐसे में पूजा की मौत का जिम्मेदार उसके पति वीरेन्द्र को ठहराते हुए मृतका की माँ ने एसपी कार्यालय पहुंचकर करीब डेढ़ सप्ताह पूर्व मौजूद पुलिस अधिकारी को प्रार्थना पत्र दिया। सामने आई बातों के मुताबिक वीरेन्द्र प्रताप अपने अनर्गल खर्च एवं नशे की लत के आगे पिता की मौत के बाद मिली कुछ सम्पत्ति बेच डाला था और शेष बची हुई सम्पत्ति को भी बेचने के जुगाड़ में लगा हुआ था। पूजा अपने पति की यह करतूत देखकर बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित रही, जिसके चलते अपने पति के कृत्यों पर विरोध जताती रही, लेकिन पूजा को यह नही पता था कि अपने पति की करतूतों का विरोध करना ही उसके लिए एक दिन मौत की वजह बन जाएगी। शायद इसी का नतीजा रहा कि वीरेन्द्र ने अपने अनर्गल कार्यो में बाधा बन रही पत्नी को ही मौत के घाट उतार दिया। घटना की चश्मदीद बनी वीरेन्द्र की करीब सात वर्षीय बेटी आडिमा उर्फ जान्हवी की माने तो उसके पिता वीरेन्द्र आये दिन शराब पीकर किसी-न-किसी बात को लेकर उसकी माँ को मारते-पीटते थे, जमीन व टैम्पों बेचने से मना करने को लेकर ही उसके पिता वीरेन्द्र ने उसकी मां की हत्या कर दी और किसी से सांस लेने पर जान से मार डालने की धमकी भी दी। जान्हवी के मुताबिक वह डर वश बिस्तर के नीचे ही सिसक-सिसक कर रोती रही और सब कुछ आंखों के सामने होता देखने के बाद भी उफ तक न कर सकी। मासूम बच्ची के मुताबिक उसकी माँ अपने पति व दो अन्य के साथ घटना को अंजाम देते समय बचाव करते हुए काफी छटपटाई और संघर्ष किया,इस बीच आरोपियों ने पूजा का सिर व मत्था भी दरवाजे में लड़ाया था, छीना झपटी में पूजा के नाखूनों के खरोच भी वीरेंद्र के शरीर पर आये। बच्ची के बयान के मुताबिक दोनों आरोपियों की मदद से उसके पिता वीरेन्द्र ने गला दबाकर उसकी मम्मी को मार डाला। आरोपियों का कारनामा यहीं नहीं खत्म हुआ, जान्हवी के मुताबिक उसके बाद आरोपियों ने उसकी माँ के शव को रस्सी से लटका दिया और पैर के नीचे स्टूल खड़ा कर पूजा की मौत को आत्महत्या दिखाने का प्रयास किया।जान्हवी का कहना है कि घटना को अंजाम देने के बाद उसके पिता बिस्तर में चुप चाप आराम से सो गए, लेकिन रात भर डर-डरके जान्हवी रो-रोकर जगती रही। जान्हवी ने बताया कि सुबह होने के पहले ही उसके पिता वीरेन्द्र उसकी मां पूजा का नाम ले-लेेकर झूठे रोने लगे कि पूजा तूने क्या कर लिया और इसके बाद आस-पास के लोगों को बुलाने के लिए कहा। इस घटना की सूचना पाकर मृतका के मायके वाले पहुंचे तो लाश बाहर पड़ी होनी बताई जा रही है। शव को रस्सी से किसने उतारा और किन परिस्थितियों में लाश मिली ,इसका सही जवाब कोई नहीं दे रहा हैै। मृतका की माॅ के मुताबिक घटना की सूचना पाते ही वह अपनी बेटी की ससुराल पहुँची और शहर में रहने वाले अपने बेटे के पास फोन कर उसे बुलाया तो दूसरे दिन उसका बेटा शहर से आ गया और थाने जाकर घटना की तहरीर भी दी, लेकिन तब धम्मौर पुलिस ने यह कहकर कार्यवाही करने से मना कर दिया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ जाय तभी हम कोई कार्यवाही करेंगे, हालाकि पुलिस के जरिए बताई जा रही यह वजह महज बहानेबाजी ही रही, बाकी आरोपी वीरेन्द्र प्रताप सिंह की पैरवी ही असल वजह के रूप में उभर कर सामने आ रही है। मिली जानकारी के मुताबिक घटना के बाद से ही लगातार मृतका के मायके वाले थाने के चक्कर काट रहे है,पीड़ित पक्ष ने एसपी एवं अन्य उच्चाधिकारियों को भी अनेको माध्यमों से सूचना दी, लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। पुलिस भी यह मानकर चल रही थी कि मामला शायद दब जाए तो ठीक रहता, लेकिन मासूम बच्ची के बयान एवं मृतका की मां के दर्द ने फिर से मामले को उभार दिया है। इस घटना के सम्बंध में सोशल मीडिया पर कुछ खबरे भी चली और मृतका की विधवा माँ व उसकी मासूम बच्ची ने करीब डेढ़ सप्ताह पूर्व एसपी आफिस में मौजूद पुलिस अधिकारी से मिलकर कार्यवाही की मांग की थी,जिस पर कार्यवाही का भरपूर आश्वासन भी मिला था और सवालों से घिरने के बाद एसओ रविकुमार सिंह ने भी उचित कार्यवाही एवं दोषियों को किसी भी हाल में बख्से न जाने का भरोसा दिया था। लेकिन कार्यवाही तो अब तक नही हुई बल्कि मृतका की मां व उसकी मासूम बच्ची को थाने बुलाकर पहले उनसे पूंछतांछ की गई,फिर उनकी पारिवारिक व कमजोर आर्थिक दशा को ढाल बनाते हुए केस की पैरवी न कर पाने की बात कहते हुए लेन-देन कर आरोपी से समझौते की सलाह दी गई,यहां तक कि आरोपी से ठीक ठाक रकम दिला देने का भरोसा भी मिला,फिलहाल अपनी बेटी की मौत के दर्द को बर्दाश्त न भुला कर उसकी मां ने समझौते के प्रस्ताव को ठुकरा दिया और कहा बस हमे न्याय चाहिए। बात बनती न देख एसओ ने अगले दिन एफआईआर की कापी आकर ले जाने की बात कहते हुए उन्हें जाने को कहा। पुलिस की यह बात सुनकर वह लोग थाने से कुछ दूर पर निकले ही थे कि पुलिस वालों के मन मे अचानक क्या ख्याल आया या अचानक किसी की पैरवी हुई कि फिर उन्हें थाने बुला लिया गया। जहां लौटने पर मृतका की विधवा माँ एवं साथ गये रिश्तेदार को अलग बैठा दिया गया और मासूम बच्ची को अकेले दो महिला सिपाही कमरे में ले जाकर बन्द कर उससे घटना के बारे में बयान बदलने का दबाव बनाने लगी और उसे काफी डांटा। उन महिला सिपाहियों ने प्लान के अनुसार बच्ची से कहा कि तुम कह दो कि हमने कुछ नही देखा। इस तरह से मुल्जिम के बचाव में बच्ची पर दबाव बनाकर मनमाना बयान दिलाकर सिपाहियों के जरिये वीडियो भी सबूत के तौर पर तैयार किये जाने की बात सामने आ रही है। बच्ची को इतना डरा दिया गया कि वह कमरे से निकलने के बाद सहमी हुई थी। मानवता को शर्मसार कर देने वाली पुलिस की हकीकत का आंकड़ा थाने में लगे सीसीटीवी कैमरे से भी काफी हद तक लगाया जा सकता है। फिलहाल पुलिस की यह घिनौनी करतूत सामने आ गई है,जिसके सम्बन्ध में उच्चाधिकारियों से शिकायत भी हुई है। ऐसे में देखा जा रहा है धम्मौर पुलिस संज्ञेय अपराध के सम्बन्ध में सूचना मिलने के बाद भी एफआईआर दर्ज करने की अनिवार्यता को लेकर बने सीआरपीसी के नियमो, हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट की तमाम विधि व्यवस्थाओं एवं शासन की मंशा को भूल चुकी है। फिलहाल इतना जरूर है कि इन नियमों को भूलने व नजरअंदाज करने के पीछे जरूर कोई बड़ा गेम है,जिसके चलते सभी जिम्मेदारो ने सब कुछ जानते हुए भी आंखे बंद कर ली है। इन अधिकारियों को एक विधवा माँ की बेटी एवं एक मासूम बच्ची की माँ की मौत का दर्द नही दिख रहा है,जिसके चलते विधवा माँ व एक मासूम बच्ची न्याय के लिए दर-दर भटक रही है।

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