*शासनादेश को अनदेखा कर ई-रिक्शा वाहनों के क्रय में एडीओ पंचायत अधिकारियों ने कर दिया खेल, डीपीआरओ सख्त*
*जेम पोर्टल से खरीद के निर्देशों के बाद भी नहीं मानें जिम्मेदार अब हो सकती है कार्रवाई*
*एडीओ पंचायत अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदार शुक्ला बंधुओं, साहू बंधु, गुप्ता बंधु ने कई ब्लाकों में किया बड़ा गेम*
*कार्य योजना से अधिक रेट पर कर दिया गया ई रिक्शा का भुगतान*
*काल्पनिक दुकानों से हुई ई रिक्शा की सप्लाई, पूर्व डीपीआरओ आर के भारती ऐसे ही एक मामले बाल बाल थे बचे।*
सुलतानपुर: जिले के पंचायती राज विभाग में नियमों को अनदेखा कर ई रिक्शा वाहनों के क्रय में भ्रष्टाचार करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जिले में 450 से अधिक ई-रिक्शा वाहनों का क्रय एवं भुगतान पंचायतो द्वारा कर दिया गया। लेकिन हैरानी इस बात की कि जिम्मेदारों ने शासन के जेम पोर्टल के माध्यम से सामग्री क्रय किए जाने के मंसूबे को फेल कर दिया।
बताते चलें कि पंचायती राज विभाग में ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना के अंतर्गत सरकार प्रतिबद्ध है। इसके लिए शासन द्वारा बड़े प्रयास किया जा रहे हैं। ग्राम पंचायतों में कार्य योजना के अनुसार जिले भर में 450 से अधिक ग्राम पंचायत में ई रिक्शा का खरीद जेम पोर्टल के तहत किया जाना था, जिस पर न्यूनतम दर पर आपूर्ति करने वाली फर्म को रिक्शा खरीद की संस्तुति दिए जाने हेतु जेम पोर्टल से क्रय करने का आदेश पंचायती राज निदेशालय व जिला पंचायत राज अधिकारी के स्तर से विकास खंडों एवं ग्राम पंचायत को पूर्व में भेजा गया था परंतु शासन व निदेशालय के निर्देशों को अनदेखा करते हुए जनपद के जयसिंहपुर, धनपतगंज, लंभुआ प्रतापपुर कमैचा, बल्दीराय व अन्य ब्लाकों में 450 से अधिक ई रिक्शा वाहनों का क्रय सीधे कर लिया गया और वाहनों से ग्राम पंचायतों में कार्य भी लिया जा रहा है। ई रिक्शे का क्रय जेम पोर्टल से न करने पर शासकीय धन को नुकसान और दूसरी तरफ शासनादेश का खुलेआम धज्जियां भी उड़ाई गयी है। सूत्रों की माने तो ई रिक्शे की खरीद ऐसे फर्म से हुई है जिसका कही अता पता ही नहीं है। कोविड काल में भी पूर्व जिलाधिकारी सी इंदुमती के कार्यकाल में भी फर्जी फर्मों के जरिए तमाम स्वास्थ्य उपकरणों की खरीद ग्राम पंचायतों में किया गया था। जिसका संज्ञान शासन ने किया था और सी इंदुमती को यहां से हटाकर शासन भेज दिया गया था। फिलहाल सब कुछ होने के बाद इस मामले को डीपीआरओ अभिषेक शुक्ल ने संज्ञान लेते हुए जांच कर जिम्मेदारों के विरुद्ध कार्रवाई करने के संकेत दिए हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि कब कार्यवाही होगी, या फिर चहेते एडीओ पंचायत अधिकारियों को क्लीनचिट देकर मामला दबाया जाएगा।