*एमपी-एमएलए कोर्ट से पूर्व विधायक सोनू सिंह व उनके भाई को मिली सशर्त अग्रिम जमानत,गिरफ्तारी पर लगी ब्रेक*
*जेसीबी लगाकर समर्थको संग दीवाल गिराने एवं अन्य गम्भीर आरोपों से जुड़ा मामला,पूर्व विधायक व उनके भाई ने ली कोर्ट की शरण*
*विशेष अदालत ने अभिलेख तलब कर सुनवाई के नियत की 10 मार्च की तारीख*
*रिपोर्ट-अंकुश यादव*
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सुलतानपुर। जेसीबी लगाकर घर गिराने समेत अन्य गम्भीर आरोपों से जुड़े मामले में पूर्व विधायक चन्द्रभद्र सिंह सोनू व उनके भाई यशभद्र सिंह मोनू ने गिरफ्तारी की आशंका जाहिर करते हुए अदालत की शरण ली। एमपी-एमएलए कोर्ट के जज पीके जयंत ने पूर्व विधायक व उनके भाई की तरफ से पड़ी अग्रिम जमानत अर्जी को स्वीकार करते हुए अंतरिम राहत दी है। अदालत ने दोनों भाईयों को सशर्त जमानत देते हुए विवेचना में पूर्ण सहयोग करने एवं भारत देश न छोड़ने की चेतावनी दी है।
मामला वर्तमान थाना धनपतगंज क्षेत्र के मायंग से जुड़ा है। जहाँ के रहने वाले अभियोगी बनारसी लाल कसौंधन ने बीते 25 फरवरी की घटना बताते हुए गांव निवासी पूर्व विधायक चन्द्रभद्र सिंह सोनू व उनके भाई पूर्व ब्लाक प्रमुख यशभद्र सिंह मोनू सहआरोपी सिंटू, जेसीबी चालक एवं करीब आधा दर्जन अज्ञात आरोपियों के खिलाफ असलहे से लैश होकर अभियोगी के घर में घुसकर मारपीट करने, जेसीबी लगाकर गेट व दीवार गिरा देने, धमकी देने समेत अन्य गम्भीर आरोप में मुकदमा दर्ज कराया। गम्भीर आरोप में मुकदमा दर्ज होने के बाद ही मामला चर्चा में आ गया। इसके अलावा घटना के सम्बंध में अभियोगी का एक बार पूर्व विधायक समेत अन्य के समर्थन में बयान आने एवं पुलिस की सक्रियता बढ़ते ही बयान में बदलाव आने के चलते मामला और भी चर्चा में आ गया। यह प्रकरण हाई-प्रोफाइल लोगों से जुड़ा होने के चलते जिले से लेकर प्रदेश स्तर तक फैल गया। नतीजतन पूर्व विधायक व पूर्व ब्लाक प्रमुख सहित अन्य आरोपियों पर गिरफ्तारी का भी दबाव बढ़ने लगा। जिसके उपरांत घटना में अपनी कोई संलिप्तता न होने एवं पुलिस के अनर्गल कृत्य से अपने मान-सम्मान को ठेस पहुंचने समेत अन्य आशंकाओं को जाहिर करते हुए पूर्व विधायक चन्द्रभद्र सिंह सोनू व उनके भाई यशभद्र सिंह मोनू ने जिला एवं सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत अर्जी प्रस्तुत की। जिसे जिला जज संतोष राय ने सम्बंधित विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट के समक्ष सुनवाई के लिए स्थानान्तरित कर दिया। जहां पर पूर्व विधायक एवं उनके भाई की तरफ से पैरवी कर रहे अधिवक्ता रूद्रप्रताप सिंह मदन ने आरोपों को निराधार बताते हुए विवेचना में पूर्ण सहयोग करने एवं जमानत का दुरूपयोग न करने समेत अन्य तर्कों को रखते हुए अर्जी स्वीकार करने की मांग की। वहीं अभियोजन पक्ष ने जमानत पर विरोध जाहिर किया। उभय पक्षों को सुनने के पश्चात स्पेशल जज पीके जयंत ने पूर्व विधायक व उनके भाई की तरफ से पड़ी अग्रिम जमानत अर्जी की अंतरिम अर्जी को स्वीकार करने का पर्याप्त आधार पाते हुए उन्हें सशर्त राहत दी है। अदालत के इस आदेश से इस मामले में अग्रिम आदेश तक दोनों भाइयों की गिरफ्तारी पर ब्रेक लग गई है। अदालत ने मामले में विवेचना से जुड़े समस्त अभिलेख तलब करने का आदेश देते हुए अगली सुनवाई के लिए 10 मार्च की तारीख नियत कर पुलिस अधीक्षक एवं लोक अभियोजक को कोर्ट के आदेश से सूचित करने को कहा है। अदालत ने दोनों भाईयों को अभियोजन साक्ष्यों को किसी तरह से प्रभावित न करने, पुलिस व न्यायालय के बुलाने पर हाजिर रहने एवं बिना सूचना के भारत देश छोड़कर बाहर न जाने समेत अन्य शर्तों पर अंतरिम अर्जी स्वीकार की है।