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बीएसएफ जवान पर हमले के आरोपियों ने हाईकोर्ट के निर्देश पर किया सरेंडर,हफ्ते भर जेल काटने के बाद मिली बेल। करीब दो साल पहले कुल्हाड़ी व अन्य हथियारों से आठ आरोपियों ने किया था प्राणघातक हमला

*बीएसएफ जवान पर हमले के आरोपियों ने हाईकोर्ट के निर्देश पर किया सरेंडर,हफ्ते भर जेल काटने के बाद मिली बेल*

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*करीब दो साल पहले कुल्हाड़ी व अन्य हथियारों से आठ आरोपियों ने किया था प्राणघातक हमला*

*स्पेशल जज एससी-एसटी एक्ट की अदालत से एनबीडब्ल्यू जारी होने के बाद हरकत में आरोपियों ने हाईकोर्ट की ली थी शरण,22 मई तक करना था सरेंडर*

*सप्ताह भर जेल काटने के बाद चारो आरोपियो को मिली बेल,30 मई को चार्ज पर होगी सुनवाई,जल्द शुरू हो जाएगा ट्रायल*

*रिपोर्ट-अंकुश यादव*
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सुलतानपुर। बीएसएफ जवान पर हुए हमले के मामले में कई महीनों से गैरहाजिर चल रहे हरकत में आये चार आरोपियों ने हाईकोर्ट के निर्देशन में हफ्ते भर पहले सरेंडर कर दिया। जिनकी तरफ से प्रस्तुत जमानत अर्जी को स्पेशल जज नवनीत कुमार गिरी ने स्वीकार कर लिया है। अदालत ने आरोपियों पर आरोप-तय किये जाने के बिंदु पर सुनवाई के लिए 30 मई की तारीख तय की है।
मामला गौरीगंज कोतवाली क्षेत्र के सकरावा गांव से जुड़ा है। जहां के रहने वाले देवनाथ बीएसएफ जवान है। जिन्होंने पांच जून 2020 की घटना बताते हुए मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक जम्मू कश्मीर में तैनाती के दौरान वह छुट्टी लेकर घर पर आए हुए थे, इस दौरान वह अपने दरवाजे के सामने ईट बिछा रहे थे,तभी आरोपीगण धीरेंद्र, हरिराम चौहान, रामकरन,अमरनाथ, राजेंद्र कुमार, सुरेंद्र, वीरेंद्र पुत्र रामराज व वीरेंद्र पुत्र रामकरन ने धारदार हथियार, कुल्हाड़ी -डंडा आदि लेकर हमला बोल दिया। अपना बचाव करने के लिए बीएसएफ जवान देवनाथ घर में भागे तो आरोपियों ने घर में भी घुसकर उन्हें जमकर मारा-पीटा। हमले में बीएसएफ जवान को काफी चोटें आई। इस मामले में देश की सेवा कर रहे बीएसएफ जवान को आई चोटों को देखने के बाद भी पुलिस को तरस नहीं आई और उन्होंने आरोपियों के प्रभाव में पहले तो हल्की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया,फिर उन्हें अन्य तरीकों से संरक्षण देते रहे। यही नहीं ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने भी आरोपियों के प्रभाव में मेडिकल में खेल किया और आई चोटों को ठीक तरीके से मेडिकल रिपोर्ट में दर्शाया ही नहीं गया। जैसे-तैसे कुछ दिनों तक डॉक्टर की रिपोर्ट व सलाह के आधार पर बीएसएफ जवान का इलाज चलता रहा ,लेकिन जवान की हालत में सुधार होने के बजाय बिगड़ने पर अन्य अस्पताल में उसका मेडिकल हुआ व इलाज शुरू हुआ तो सिर में लगे चोट के स्थान पर बांस की फाज्जियाँ मिली, जिसके बाद ऑपरेशन हुआ तो स्थिति में सुधार हुआ। मामले आई चोटों के आधार पर बाद में पुलिस ने भादवि की धारा- 308 की बढोत्तरी कर आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। मामले में हरिराम चौहान कोर्ट में आत्मसमर्पण कर माह जनवरी 2021 में एवं आरोपी अमरनाथ बीते 18 जनवरी को सरेंडर कर जमानत करा चुके है। मामले में आरोपी राजेंद्र व सुरेंद्र भी पहले ही आत्मसमर्पण कर जमानत करा चुके है,जबकि चार्जशीटेड धीरेंद्र, रामकरन,वीरेंद्र,गजेंद्र की गिरफ्तारी के लिए उनके खिलाफ कोर्ट से गैर जमानतीय वारंट भी काफी दिनों से चल रहा था,लेकिन चारो आरोपी हाजिर नहीं हो रहे थे। आरोपियो की गिरफ्तारी न होने से बीएसएफ जवान ने स्वयं व परिवारीजनों के लिए खतरा होना बताया था और दूसरी तरफ केस की कार्यवाही भी आगे नही बढ़ पा रही थी। आरोपियो की शीघ्र गिरफ्तारी कराये जाने को लेकर बीएसएफ जवान ने कई जगहों पर शिकायत भी की थी। जिसके बाद हरकत में आये चारो आरोपियो ने गिरफ्तारी से बचने व अन्य राहत पाने के लिए हाईकोर्ट की शरण ली। फिलहाल हाईकोर्ट ने केस की गम्भीरता को देखते हुए आरोपियो को कोई विशेष राहत नही दी और उन्हें 22 मई के पहले ही सम्बंधित कोर्ट में सरेंडर करने का निर्देश दिया। हाईकोर्ट के निर्देशन में चारो आरोपियो एक हफ्ते पहले स्पेशल जज एससी-एसटी एक्ट की अदालत में सरेंडर कर जमानत अर्जी प्रस्तुत की, जिन्हें अदालत ने जेल भेज दिया था। मामले में अदालत ने चारों आरोपियों की जमानत अर्जी स्वीकार कर ली है और सभी आरोपियों को चार्ज पर सुनवाई को लेकर 30 मई के लिए उपस्थित होने का आदेश दिया है।

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