खबर का बड़ा असर हुआ है। हमने आप को दिखाया था कि उद्यान विभाग की मिलीभगत से उद्यान में लगे हरे पेड़ों को काटकर बेच लिया जा रहा है। खबर चलते ही जिलाधिकारी ने मामले का संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दे दिए। प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर चौकीदार को निलंबित कर दिया गया है। वहीं जांच में अन्य कर्मचारियों के दोषी पाए जाने पर कठोर कार्यवाही की बात कही जा रही है।
– दरअसल ये मामला है कुड़वार स्थित राजकीय आलू उद्यान का। इस उद्यान में आलू की किस्मो को क्रास कराकर उन्नत बीज किसानों को मुहैया कराए जाते हैं। उद्यान के चारो तरफ हरे हरे वृक्ष लगाए हैं। कुछ दिनों पहले जिला उद्यान अधिकारी ने टहनी की कांट छांट के लिये 13 हज़ार में टेडर दे दिया। हैरानी की बात तो ये रही टहनी के बजाय विभागीय मिलीभगत कर यहां लाखों की कीमत के तीन कीमती पेड़ ही काट लिये गए। मामले का खुलासा हुआ तो हड़कंप मच गया। खबर चली तो विभागीय अधिकारियों के होश फाख्ता हो गए। वहीं जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दिए तो जिला उद्यान अधिकारी ने चौकीदार पर गाज गिराते हुए उसे निलम्बित कर दिया है। साथ ही ठेकेदार पर एफआईआर करवाने की बात कही जा रही है। वहीं जो विभागीय जिम्मेदार हैं उनकी जांच की बात कही जा रही है। देखना दिलचस्प होगा कि अन्य अधिकारियों कर्मचारियों पर कार्यवाही होती है या फिर चौकीदार और ठेकेदार पर कार्यवाही कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।