प्रशासन के लाख दिशा निर्देश के बाद भी त्रिस्तरीय चुनाव में प्रत्याशी सुधरने का नाम नही ले रहे हैं। हाल ये है कि बिना अनुमति के ही रैली निकाल कर प्रशासन को खुले आम चुनौती दी जा रही है। ऐसा ही एक मामला सुल्तानपुर जिले के वार्ड नम्बर 38 में देखने को मिला। यहां पर निर्दलीय जिला पंचायत सदस्य के लिये नामांकन करने वाली भानमती वर्मा चुनाव आयोग के निर्देशों की खुले आम धज्जियां उड़ा राहींहैं। बाइक रैली निकालकर शासन और जिला प्रशासन को चुनौती दे रही हैं, साथ ही प्रशासन के उन दावों की पोल खोल रही है जिसमें जिला प्रशासन ने बिना अनुमति के ही इन सब पर रोक लगा रखी है। आप खुद देखिये की हनुमानगंज बाजार से पूरे इलाके में किस तरीके से ये रैली निकाल कर प्रशासन को चिढ़ाया जा रहा है। हलांकि कहने को प्रशासन ने ऐसे मामलों में त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए हैं लेकिन हालात ये हैं कि ये सब कार्यवाही कहाँ हो रही है वे ही बता सकते हैं।
अब जरा इन प्रत्याशी की एक और कहानी से आपको रूबरू करवाते हैं। अपना दल एस के आलाकमान द्वारा वार्ड नम्बर 38 से जिलाध्यक्ष अविनाश पटेल की पत्नी संगीता वर्मा और वार्ड नम्बर 39 से भानमती वर्मा पत्नी राजबहादुर वर्मा को समर्थित उम्मीदवार बनाया गया था, लेकिन खड़ी फसल काटने के लिये इन्होंने पार्टी के नियम कानून को दरकिनार कर वार्ड नम्बर 38 से ही नामांकन कर पार्टी के नियम कानून की धज्जियां उड़ा दी हैं। पार्टी का झंडा बैनर पोस्टर का इस्तेमाल कर लोगों में अपने को समर्थित प्रत्याशी बताकर भ्रामक सूचना फैला रही हैं। इसी बात से नाराज अपना दल जिलाध्यक्ष अविनाश पटेल ने पुलिस अधीक्षक से बिना अनुमति के ही पार्टी का झंडा बैनर इत्यादि का इस्तेमाल करने पर शिकायत कर कार्यवाही की मांग की है।