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एसजीपीआई में अमाशय के कैंसर का लेप्रोस्कोपिक विधि से हुआ सफल ऑपरेशन

अच्छी खबर:एसजीपीआई में अमाशय के कैंसर का लेप्रोस्कोपिक विधि से हुआ सफल ऑपरेशन

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लखनऊ:संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ने अमाशय के कैंसर का लेप्रोस्कोपिक विधि से सफल ऑपरेशन कर चिकित्सा के क्षेत्र में एक और सोपान तय किया है। पीजीआई के सर्जन डॉक्टर अशोक कुमार-2 ने अपनी टीम के साथ इस जटिल ऑपरेशन को सम्पन्न किया है।इससे पूर्व अमाशय का ऑपरेशन चीरा लगाकर होता था जो ज़्यादा जटिल होने के साथ ही देश के गिने चुने हायर सेंटर पर ही संभव था।एसजीपीजीआई में इस सफल ऑपरेशन के सम्पन्न होने से प्रदेश के लाखों मरीजों को बड़ी सहूलियत हासिल होगी।यहां लेप्रोस्कोपिक विधि से सम्पन्न हुए इस ऑपरेशन के बाद मरीज पूरी तरह स्वस्थ है और अब सामान्य रूप से भोजन ले रहा है।
दरअसल उन्चास साल के प्रतापगढ़ निवासी किसान प्रदीप सिंह पिछले एक साल से अमाशय कैंसर ग्रसित थे।पीजीआई के गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग में प्रदीप के परिजनों ने दिखाया तो यहां सभी जांचों के बाद यह पाया गया कि वह अमाशय के कैंसर से पीड़ित हैं।इस बीमारी का एक मात्र इलाज ऑपरेशन है।सर्जन डॉक्टर अशोक कुमार ने प्रदीप का ऑपरेशन लेप्रोस्कोपिक विधि से करने का फैसला लिया जिसमे उन्हें पूर्ण सफलता मिली।सर्जन डॉक्टर अशोक कुमार की टीम में एसोसिएट प्रोफेसर,उनके सीनियर रेज़िडेंट डाक्टर सोमनाथ,डॉक्टर किरन,डॉक्टर चंदन और एनेस्थेसिया टीम के डॉक्टर सुजीत गौतम,डॉक्टर सुरुचि तथा उनकी रेज़िडेंट शामिल रहे।
डॉक्टर अशोक कुमार ने बताया कि अमाशय का कार्य खाने को मथने और उसे पचाने का होता है।अमाशय में कैंसर होने पर खाने पीने में तकलीफ होती है।मरीज को उल्टियां आती हैं।इस स्थिति के ज़्यादा दिन तक बने रहने पर धीरे धीरे मरीज का वजन घटने लगता है।इस स्थिति में जल्द से जल्द ऑपरेशन किये जाने की आवश्यकता होती है।इस ऑपरेशन में अमाशय का 2/3 भाग निकाल दिया जाता है।बचे हुए भाग को फिर से आंत के साथ जोड़ दिया जाता है।यह एक अति जटिल प्रक्रिया है।ऑपरेशन की ओपन विधि में इस कार्य के लिए 20 से 25 सेंटीमीटर का चीरा लगाना पड़ता है।वहीं लेप्रोस्कोपिक विधि से बिना बड़ा चीरा लगाए और कम ब्लड लॉस के साथ यह ऑपरेशन सम्पन्न होता है।इस विधि से भीतरी अंग भी खींचतान से बचते हैं।लेप्रोस्कोपिक विधि से से सम्पन्न हुए ऑपरेशन में दर्द कम होने के साथ ही घाव संबंधित कॉम्प्लिकेशन न के बराबर होते हैं और मरीज को हॉस्पिटल से जल्द छुट्टी भी मिल जाती है।डॉक्टर अशोक पहले भी इसी तरह की सर्जरी के साथ कई मामलों में लेप्रोस्कोपिक विधि का इस्तेमाल करके जटिल सर्जरी करते रहे हैं और उनके कई कार्य रिसर्च जर्नल में पब्लिश हुए हैं।डॉक्टर अशोक एसपीजीआई में अमाशय के संपन्न हुए इस ऑपरेशन को लेकर कहते हैं,यह प्रदेश के मरीजों के लिए हाई स्टैंडर्ड,एडवांस और सेफ सर्जिकल सुविधा का एक अहम कदम है।वह उम्मीद करते हैं कि उनके ऐसे कार्यों से प्रदेशवासी ज़्यादा लाभान्वित हो इस खातिर इंस्टिट्यूट और सरकार अधिक सुविधा और इक्विपमेंट सपोर्ट देती रहेगी।

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