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सुलतानपुर

फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट ने दुष्कर्म के दोषी सचिन सिंह को सुनाई 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा। एफटीसी जज पीके जयंत ने दोषी पर लगाया 50 हजार का अर्थदंड। ससुराल से मायके आई बेटी पर अपराधिक छवि का धौंस दिखाकर उसकी इज्जत से सचिन सिंह ने किया था खिलवाड़। सितम्बर 2019 में शुरू हुआ ट्रायल,डेढ़ साल में कोर्ट का आ गया फैसला,पीड़िता को शीघ्र मिला न्याय

*फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट ने दुष्कर्म के दोषी सचिन सिंह को सुनाई 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा*

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*एफटीसी जज पीके जयंत ने दोषी पर लगाया 50 हजार का अर्थदंड*

*ससुराल से मायके आई बेटी पर अपराधिक छवि का धौंस दिखाकर उसकी इज्जत से सचिन सिंह ने किया था खिलवाड़*

*सितम्बर 2019 में शुरू हुआ ट्रायल,डेढ़ साल में कोर्ट का आ गया फैसला,पीड़िता को शीघ्र मिला न्याय*

*रिपोर्ट-अंकुश यादव*
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सुलतानपुर। ससुराल से मायके आई बेटी की इज्जत से खिलवाड़ करने वाले दुष्कर्म के दोषी सचिन सिंह को फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम पीके जयंत की अदालत से बड़ी सबक मिली है। अदालत ने सचिन सिंह को दुष्कर्म का दोषी मानते हुए उसे 10 वर्ष के कठोर कारावास एवं 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
मालूम हो कि कोतवाली नगर क्षेत्र के अमिलिया कला गांव के रहने वाले आरोपी सचिन के खिलाफ पीड़िता ने 16 अप्रैल 2019 की घटना बताते हुए गंभीर आरोपो में मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक पीड़िता की कुड़वार थाना क्षेत्र में ससुराल है, वह कोतवाली नगर क्षेत्र स्थित अपने मायके आई हुई थी, इसी दौरान रात में करीब 11 बजे आरोपी सचिन उसके घर में घुस आया और जबरन बलात्कार का प्रयास किया। पीड़िता के मुताबिक अपनी इज्जत बचाने के लिए उसने हर सम्भव प्रयास किया,लेकिन सफल नही हो पाई और आरोपी ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दे दिया। यही नहीं आरोपी पीड़िता के घर में रखे काफी जेवरात व नकदी भी उठा ले गया और घटना के सम्बंध में शिकायत करने अथवा मुकदमा दर्ज कराने पर पीड़िता को जान से मारने की धमकी भी दी। आरोप के मुताबिक पीड़िता इस बीच चीखती-चिल्लाती रही,लेकिन आस-पास के लोग उसकी आवाज सुनने के बाद भी सचिन सिंह के सामने आने की हिम्मत नहीं जुटा पाये। बताया जाता है कि सचिन सिंह की क्षेत्र में आपराधिक छवि के चलते काफी दहशत है, जिसकी वजह से पीड़िता के चिल्लाने की आवाज सुनने के बावजूद भी कोई उसके पास आने की हिम्मत नहीं कर सका। फिलहाल इस मामले में पीड़िता की तहरीर पर आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म व लूट का मुकदमा दर्ज हुआ,जिसकी तफ्तीश पूरी कर विवेचक ने प्रथम दृष्टया घटना साबित पाने पर आरोप पत्र दाखिल किया। प्रकरण का विचारण सितम्बर 2019 से फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम की अदालत में शुरू हुआ। बीते दिसम्बर माह में शासकीय अधिवक्ता दान बहादुर वर्मा ने शासन की मंशा के मद्देनजर ‘मिशन शक्ति’ लक्ष्य के तहत प्रकरण का शीघ्र निस्तारण कर उचित फैसला करने की मांग की थी, जिस पर कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई और भी तेज कर दी थी। मामले में विचारण के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अपने साक्ष्यों एवं तर्कों को पेश कर आरोपी सचिन को बेकसूर बताया, वहीं अभियोजन पक्ष से पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता दान बहादुर वर्मा ने चार गवाहों को परीक्षित कराते हुए सचिन सिंह को ही घटना का जिम्मेदार बताकर दोषी ठहराने व कड़ी सजा से दण्डित किये जाने की मांग की। उभय पक्षों को सुनने के पश्चात फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम-जज पीके जयंत ने आरोपी सचिन सिंह को दुष्कर्म का दोषी मानते हुए उसे 10 वर्ष के कठोर कारावास एवं 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अदालत ने अर्थदंड की धनराशि में से 40 हजार रुपये पीड़िता के पक्ष में देने का आदेश पारित किया है।

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