सुल्तानपुर में एक टीवी पत्रकार ने नगर पालिका प्रशासन पर अपनी जमीन कब्जाने का आरोप लगाया है। हलांकि पत्रकार के आरोप पर नगर पालिका प्रशासन सिरे से खारिज कर रहा है। उसकी माने तो स्थानीय लोगों के कहने पर पर ही सार्वजनिक शिवाजी पार्क का निर्माण करवाया जा रहा है।
दरअसल ये मामला है नगर कोतवाली के सौरमऊ गांव का। इसी गांव के खसरा संख्या 611 में बैंक के 50 कर्मचारियों ने एक साथ मिलकर करीब 7 बीघे जमीन का बैनामा लेकर बैंक कॉलोनी विकसित की थी। इसी जमीन पर पार्क के लिये जमीन छोड़ कर सभी पचासों लोगों को प्लाट आवंटित कर दिया गया। उस समय बैनामा लेने वालों में कुछ लोग अपना मकान बना कर इसी बैंक कॉलोनी में रहने भी लगे लेकिन अभी भी बहुतों के प्लाट खाली पड़े हैं। वर्तमान में इस खाते में करीब 74 खातेदार हैं, लेकिन इसी बीच नगर पालिका ने वहां करीब 11 बिस्वे की जमीन पर पार्क का निर्माण शुरू करवा दिया। इस बात की जानकारी यहां के खातेदार एवं दिल्ली में टीवी चैनल के पत्रकार अजय विक्रम सिंह को लगी तो उन्होंने इसका विरोध किया। आरोप है कि अधिकारियों से शिकायत के बाद कार्य रोकने के निर्देश भी दिया गया लेकिन नगर पालिका द्वारा वहां जबरन कार्य करवाया जा रहा है।
वहीं स्थानीय लोगों की माने तो अजय विक्रम उनकी भाई और माँ ने अपनी बहन बन्दना के नाम सम्पूर्ण भूभाग का पहले ही बैनामा कर दिया था, ऐसे में वहां उनका कोई हिस्सा ही नही है। चूंकि पार्क इत्यादि के लिये जो जमीन खाली छोड़ी गई थी उसी आधार पर खतौनी में उनका नाम चल रहा है। चूंकि यहां की जमीन बेहद कीमती हो गई है लिहाजा इसी वजह से अजय और उनका परिवार परेशान है।
फिलहाल पीड़ित पत्रकार के आरोप को नगर पालिका सिरे से खारिज कर रही है। नगर पालिका की माने तो अजय विक्रम के पिता का निधन होने के बाद ये जमीन इनकी माँ सुशीला, अजय विक्रम और विनय विक्रम के नाम वरासतन दर्ज हो गई। जिसके बाद इन सभी ने ये जमीन अपनी बहन के नाम बैनामा कर दिया। स्थानीय लोगों के कहने पर वहां नाली सड़क इत्यादि का पहले ही निर्माण करवाया गया था। बैंक कॉलोनी में रह रहे लोगों ने पार्क की खाली जमीन पर कई बार नगर पालिका से पार्क बनवाने का अनुरोध किया था जिसपर पार्क द्वारा निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। उन्होंने अजय विक्रम के आरोप को सिरे से खारिज दिया।