बताते चलें कि सुल्तानपुर जिले के कुड़वार ब्लाक के हरिहर विनायकपुर गांव की एक सड़क की पैमाइश के लिये ग्रामीणों की शिकायत पर सांसद मेनका गांधी ने आलाधिकारियों को कई बार पत्र लिखा था। पत्र लिखने के बावजूद आज तक सड़क की पैमाइश नहीं हुई। जिसके बाद ग्रामीण आज सांसद मेनका गांधी के प्रतिनिधि रणजीत कुमार से मिलने पहुंचे थे। उन्ही की शिकायत पर सांसद प्रतिनिधि रणजीत कुमार ने सदर तहसीलदार जितेन्द्र गौतम से इसकी जानकारी चाही, लेकिन कई बार फोन करने के बाद भी जब तहसीलदार का फोन नहीं उठा तो उन्होंने एसडीम को फोन किया। जिसपर एसडीएम ने उन्हें तहसील बुला लिया। एसडीम से बात करते ही सांसद प्रतिनिधि रणजीत कुमार सदर तहसील पहुँच गए और उन्होने तहसीलदार से फोन न उठाने की शिकायत करना शुरू कर दिया। जिस समय सांसद प्रतिनिधि तहसील पहुंचे उस समय वहां शासन के निर्देश पर वरासत संबंधी मीटिंग चल रही थी जिसमें तहसील क्षेत्र के सभी राजस्व निरीक्षक और लेखपाल भी उपस्थित थे। मौका देख अपने अधिकारियों से इस तरह की वार्ता करना राजस्व कर्मियों को नागवार गुजरा और वे सभी अपने अधिकारियों के समर्थन में उतर आये और सांसद प्रतिनिधि के खिलाफ नारेबाजी करना शुरू कर दिया। सांसद प्रतिनिधि रणजीत कुमार की माने तो करीब साल भर से प्रकरण चल रहा है। खुद सांसद मेनका गांधी ने कई बार अधिकारियो को पत्र भी लिखा, लेकिन उन्होंने तहसील पहुंचकर केवल तहसीलदार केवल फोन नं उठाने की शिकायत की थी, लेकिन हो हल्ला देख उन्होंने राजस्व कर्मियों से माफ़ी भी मांगी। लेकिन वे लोग कुछ सुनने को तैयार ही नहीं। वहीँ मामला बिगड़ता देख सांसद प्रतिनिधि वहां से निकल गए। फ़िलहाल अधिकारियों ने जल्द ही इस विवाद को निस्तारित करने की बात कही।