*तहसीलदार जितेंद्र गौतम व आरके बाबू रामखेलावन पर लगा भ्रष्टाचार का आरोप,दोनों की भूमिका संदिग्ध*
*शिकायतकर्ता ने डीएम रवीश गुप्ता व शासन स्तर पर सम्बन्धित अभिलेखों के साथ दोनों के खिलाफ जांच कर कार्यवाही के लिए की मांग*
*अपने अधीनस्थ को पड़ोसी के बैनामे की जमीन में जबरन कब्जा दिलाने की नीयत से तहसीलदार ने बाबू रामखेलावन की पड़ोसी महिला की फाइल में कर दिया मनमाना आदेश*
*शिकायतकर्ता की जमीन स्टे से प्रभावित न होने के बावजूद तहसीलदार ने बाबू के प्रभाव में गलत ढंग से जमीन को स्टे से प्रभावित दिखाकर मुकदमे को किया अवेट*
*शिकायतकर्ता के मुताबिक रामखेलावन उसकी जमीन पर जबरन जमाना चाहते है कब्जा,इसीलिए अपने पद का दुरुपयोग कर बेवजह उत्पन्न करते रहते है बाधा*
*बाबू व अफसरों की सह से कई फाइलों में मनमानी कार्यवाही का आरोप,जांच में हो सकता है खुलासा*
*रिपोर्ट-अंकुश यादव*
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*सुलतानपुर(पार्ट-1)* तहसीलदार सदर एवं आरके बाबू पर लगा भ्रष्टाचार का आरोप, सदर तहसील में तैनात आरके बाबू रामखेलावन की पैरवी पर उनकी पत्नी शिवकुमारी के मुकदमे में तहसीलदार सदर के जरिये गलत तरीके से मनमाना आदेश करने का लगा आरोप, अपने पद के प्रभाव की हनक के दम पर अधिकारियों से पहुंच का दुरुपयोग करते हुए आरके बाबू रामखेलावन के जरिये गलत तथ्यों के आधार पर आर्डर कराते हुए पत्रावली को गलत तरीके से अवेट कराने का लगा आरोप, सदर तहसील में ही तैनात आरके बाबू रामखेलावन की पैरवी व संबंधों के चलते *तहसीलदार सदर जितेंद्र गौतम* ने पद का दुरुपयोग करते हुए पत्रावली को किया अवेट, शिकायतकर्ता लालती देवी के बैनामे की जमीन में पड़ी खारिज दाखिल की दरखास्त को गलत तरीके से अवेट करने का आरोप, इसी गाटे में *आरके बाबू की पत्नी शिवकुमारी* के नाम हुए निश्चित चौहद्दी पर 31 जुलाई 2018 को हुए बैनामे के बावत तहसीलदार सदर की ही अदालत से हुआ है खारिज दाखिल का आदेश, इसी गाटे में शिकायतकर्ता लालती देवी के बैनामे की जमीन के बावत पड़ी दाखिल खारिज की अर्जी को गलत तरीके से अपने पद का दुरुपयोग करते हुए तहसीलदार जितेंद्र गौतम ने किया अवेट, पत्रावली को शुरू से आरके *बाबू रामखेलावन* के प्रभाव में निस्तारण करने में किया जाता रहा टाल-मटोल, 25 जनवरी 2020 से आदेश में पत्रावली होने के बावजूद कई महीनों तक तहसीलदार ने नही किया आदेश, मामले में लालती की अर्जी पर हाईकोर्ट ने भी छह माह के भीतर निस्तारित करने का दिया था आदेश, बावजूद इसके तहसीलदार आदेश करने में करते रहे टाल-मटोल, लालती ने तहसीलदार की ढिलाई पर मण्डल कमिश्नर से भी की थी शिकायत, जिस पर संज्ञान लेते हुए कमिश्नर ने हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन एवं न्याय की मंशा के दृष्टिगत दो बार शीघ्र निस्तारण के लिए तहसीलदार सदर को दिया था निर्देश, इसके बावजूद कई महीनों तक नही किया गया मामले का निस्तारण, 25 जनवरी से आदेश के लिए नियत पत्रावली में 26 अक्टूबर को मौजूदा तहसीलदार जितेंद्र गौतम ने नियम कानून को दरकिनार कर आरके बाबू रामखेलावन के प्रभाव में कर दिया अवेट सम्बन्धी आदेश, तहसीलदार सदर ने आरके बाबू रामखेलावन के प्रभाव में बगैर स्टे से प्रभावित जमीन को गलत ढंग से स्टे से प्रभावित बताते हुए अवेट का किया आदेश, जबकि लालती की भूमि पर सिविल कोर्ट से कोई नही है स्थगनादेश, इस तरह से अपने अधीनस्थ को लाभ पहुंचाने की नीयत से तहसीलदार जितेंद्र गौतम ने कर दिया मनमाना आदेश, सूत्रों की माने तो पड़ोसी के बैनामे की भूमि में अपनी पहुँच के दम पर दबाव बनाकर जबरन कब्जा जमाना चाहते है रामखेलावन बाबू व उनकी पत्नी शिवकुमारी, तहसीलदार का आदेश होते ही आरके बाबू रामखेलावन ने अपनी पड़ोसी शिकायतकर्ता लालती देवी को टंच कसकर अपनी पहुँच की हनक का किया बखान, आरोपो के मुताबिक आरके बाबू ने तहसीलदार व अन्य अधिकारियों को अपने माध्यम से कई फाइलों में लाखों कमवाने की वजह से वरीयता पर मनचाहा आदेश कराने का किया दावा, सूत्रों की मानें तो काफी समय से इसी तहसील में जमें होने व सम्बन्धित अधिकारियों की कमाई का जरिया बना होने के चलते सबके दुलरुआ बने है आरके बाबू राम खेलावन, शिकायतकर्ता ने आरके बाबू रामखेलावन व तहसीलदार जितेंद्र गौतम के कार्यकाल में फाइलों मे हुए आदेशो के सम्बंध में जांच कराकर कार्यवाही के लिए की मांग, जिलाधिकारी रवीश गुप्ता के पास सम्बन्धित प्रपत्रो के साथ हुई शिकायत, डीएम के अलावा शासन स्तर पर भी शिकायत कर उठी कार्यवाही की मांग, एक ही गाटे के सम्बंध में कार्य करने के दोहरे मापदंड व अन्य तथ्यों को गलत ढंग से दर्शाने से तहसीलदार जितेन्द्र गौतम की भूमिका पूर्ण रूप से संदिग्ध, जांच होने पर तहसीलदार व आरके बाबू के खेल का भंडाफोड़ होना माना जा रहा तय,सूत्रों की माने तो आरके बाबू रामखेलावन व तहसीलदार सदर मुख्यालय पर तैनात अन्य अधिकारियों से अपने को अधिक काबिल बताकर एवं जरूरत पड़ने पर उनके जरिये भी इन्ही से सहारा लेने की बात कहते हुए कोई कार्यवाही न होने का किया जाता है दावा, शायद इसी पहुँच व प्रभाव के दम पर तहसील में तहसीलदार जितेंद्र गौतम व बाबू मिलकर मनचाही फाइलों में कर रहे मनमाना आदेश,तहसीलदार ने अपने खिलाफ लगे आरोपों पर सफाई देते हुए उसके विरुद्ध अपील करने की कही बात, इस तरह से मन मुताबिक कानून चलाकर महज मुकदमे को लम्बित रखने के उद्देश्य से माना जा रहा तहसीलदार का आदेश, वहीं रामखेलावन बाबू का पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो नही उठा फोन, इस तरीके के मनमाने आदेश कर अधिकारियों के जरिये उसके विरुद्ध अपील या रिवीजन में जाने की दी जाती है सलाह और करते रहते है मनमाना खेल,क्षेत्र स्थित सौरमऊ गांव से जुड़ा, है मामला।
*(पूरी खबर अगले पार्ट में)*