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सुसाइड केस के सेक्शन-गेम में तलब हुए एसओ देवेंद्र व विवेचक मनोज कुमार,स्पेशल कोर्ट ने लगाई कड़ी फटकार।विशेष न्यायाधीश राहुल प्रकाश ने पुलिस की घोर लापरवाही पर सुनवाई कर आर्डर किया रिजर्व।सेक्शन-गेम में थानाध्यक्ष एवं विवेचक को आज स्पेशल कोर्ट ने किया था तलब,कार्यवाही की मिली थी चेतावनी।किशोरी से छेड़छाड़ व अश्लील पोस्ट के चलते सुसाइड केस में एफआईआर के अलावा जेल भेजने के पौने दो माह तक भी पुलिस करती रही धाराओं में खेल।पूर्व की अदालत को तफ्तीश में सुधार कर लेने के बहाने गुमराह कर पुलिस अब तक बढ़वाती रही आरोपियों का रिमांड। कोर्ट ने पूंछा था पहले क्यों नहीं लगाई गई आरोपियों पर पाक्सो एक्ट की धारा,पुलिस नहीं दे सकी सटीक जवाब,सिर्फ कहती रही साहब ! कर दो माफ

*सुसाइड केस के सेक्शन-गेम में तलब हुए एसओ देवेंद्र व विवेचक मनोज कुमार,स्पेशल कोर्ट ने लगाई कड़ी फटकार*

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*विशेष न्यायाधीश राहुल प्रकाश ने पुलिस की घोर लापरवाही पर सुनवाई कर आर्डर किया रिजर्व*

*सेक्शन-गेम में थानाध्यक्ष एवं विवेचक को आज स्पेशल कोर्ट ने किया था तलब,कार्यवाही की मिली थी चेतावनी*

*किशोरी से छेड़छाड़ व अश्लील पोस्ट के चलते सुसाइड केस में एफआईआर के अलावा जेल भेजने के पौने दो माह तक भी पुलिस करती रही धाराओं में खेल*

*पूर्व की अदालत को तफ्तीश में सुधार कर लेने के बहाने गुमराह कर पुलिस अब तक बढ़वाती रही आरोपियों का रिमांड*

*कोर्ट ने पूंछा था पहले क्यों नहीं लगाई गई आरोपियों पर पाक्सो एक्ट की धारा,पुलिस नहीं दे सकी सटीक जवाब,सिर्फ कहती रही साहब ! कर दो माफ*

*रिपोर्ट-अंकुश यादव*
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सुलतानपुर। नाबालिग लड़की को अश्लील मैसेज भेजने एवं छेड़खानी करने और यह बातें किसी से कहने पर बदनाम कर देने व जान से मारने की धमकी देने के चलते किशोरी के जरिये जहर खाकर सुसाइड कर लेने के मामले में पाक्सो एक्ट की धारा न लगाने पर स्पेशल कोर्ट में आज एसओ देवेंद्र सिंह एवं विवेचक मनोज कुमार व्यक्तिगत रूप से तलब हुए। स्पेशल कोर्ट ने थानाध्यक्ष व विवेचक को इस लापरवाही पर कड़ी फटकार लगाई। फिलहाल कोर्ट से कार्यवाही का अभी कोई रुख सामने नहीं आया है,कोर्ट ने आर्डर सुरक्षित रख लिया है। अब सभी को कोर्ट के ऑर्डर का इंतजार है।
मामला कोतवाली देहात थाना क्षेत्र से जुड़ा है। जहां की रहने वाली अभियोगिनी ने बीते 10 सितम्बर की घटना बताते हुए कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के बरुई-कुटियवा गांव निवासी आरोपीगण लकी व दुर्गेश यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक उसकी करीब 16 वर्षीय बेटी दसवीं की छात्रा रही,जिससे आरोपीगण आते-जाते वक्त छेड़छाड़ करते रहे और उसका मोबाइल नंबर लेकर अश्लील मैसेज भी पोस्ट करते रहे। यह बात पीड़िता न किसी से कह सके और न उस पर कोई कार्रवाई कर सके, इस बात के लिए दबाव बनाने को लेकर आरोपीगण उसे यह बात किसी से कहने पर बदनाम कर देने अथवा जान से मार डालने की धमकी देते रहे। आरोपियों की इस प्रताड़ना से तंग आकर पीड़िता किशोरी ने बीते 10 सितंबर को जहर खाकर सुसाइड कर लिया। इस घटना के संबंध में अभियोगिनी ने थाने जाकर लिखित सूचना दी। फिलहाल पुलिस ने तहरीर में पीड़िता व मृतका के नाबालिग होने का जिक्र होने के बावजूद भी पाक्सो की धारा में एफआईआर नहीं दर्ज की, बल्कि मात्र भारतीय दंड संहिता की धारा 306 व 506 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया। इस मामले में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्रवाई की,जिसमे एक का एसीजेएम प्रथम व दूसरे का किशोर न्यायालय में रिमांड चल रहा है,इन दोनों अदालतों का प्रभार जज शशि कुमार के ही पास है। फिलहाल पुलिस ने उस समय पाक्सो एक्ट की धारा नहीं लगाई। नतीजतन आरोपियों का रिमांड भादवि की धारा 306 व 506 में ही चलता रहा। धाराओं के इस खेल में पुलिस अदालत को भी गुमराह करती रही,नतीजतन शुरुआती दौर में इस बात पर किसी गौर ही नही किया गया। मिली जानकारी के मुताबिक विवेचक ने तफ्तीश के दौरान साक्ष्यों के आधार पर धारा बढोत्तरी कर पूर्व की गलतियों को सुधार लेने का कोर्ट को विश्वास दिलाया था। लेकिन मुल्जिमो के प्रभाव में उन्हें अनुचित लाभ दिलाने व पाक्सो एक्ट धारा से बचाने की नीयत के चलते थानाध्यक्ष एवं विवेचक मामले में टाल मटोल करते रहे,इसके पीछे वजह क्या रही,वह एसओ और विवेचक ही जानें । इस लापरवाही का नतीजा यह रहा कि पुलिस पाक्सो एक्ट की धारा बढ़ाए बगैर ही करीब पौने दो महीने तक सबूत उपलब्ध होने के बावजूद आरोपियों का रिमांड भादवि की धारा 306 व 506 में बढ़वाती रही।अब इस केस में जेल गये आरोपियों के विरूद्ध चार्जशीट दाखिल करने के लिए पुलिस के पास मात्र छह दिन ही शेष रह गये है और पुलिस के इस कागजी खेल का भंडाफोड़ भी हो चुका तो विवेचक ने अपनी कमी छिपाने की नीयत से आरोपियों पर पाक्सो एक्ट की धारा बढोत्तरी के लिए उन्हें जेल से तलब करने की मांग को लेकर स्पेशल जज पाक्सो एक्ट की अदालत में अर्जी दी, तब पुलिस का यह सेक्शन-गेम विशेष न्यायाधीश राहुल प्रकाश के संज्ञान में आया। जिसे गंभीरता से लेते हुए अदालत ने थानाध्यक्ष एवं विवेचक को उनके विरुद्ध पाक्सो एक्ट की धारा-21 के तहत कार्रवाई अमल में लाते हुए दंडित करने की चेतावनी देते हुए आज व्यक्तिगत रूप से तलब कर स्पष्टीकरण मांगा था, कोर्ट के कड़े रुख पर एसओ और विवेचक तलब भी हुए,जिनके पास कोई सटीक जवाब तो था नहीं, लेकिन वह अपने अधीनस्थ हेड मुहर्रिर की गलती बताते हुए अपनी सफाई पेश कर बस माफ कर देने की ही बात कहते रहे,जिन्हें कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई और मामले में अभी कोई रुख सामने न लाते हुए आदेश को सुरक्षित कर लिया है। अब इस सुसाइड केस में पुलिस के सेक्शन-गेम में कोर्ट का क्या आदेश आता है,इसका सभी को इंतजार है।

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