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सुलतानपुर

जन सूचना न देने पर एसडीएम पर आयोग ने ठोंका था 25 हज़ार का हुआ जुर्माना, फिर भी न मिली सूचना। शिकायतकर्ता ने दी आंदोलन की चेतावनी

रिपोर्ट- दिनेश कुमार श्रीवास्तव

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लखनऊ-

सुल्तानपुर के एसडीएम पर 25 हज़ार का जुर्माना। वेतन से वसूला जाना था जुर्माना। समय से जन सूचना न देने पर राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती ने दिया आदेश।
25 जून 2020 को दिया गया था आदेश। भ्रष्टाचार निवारण विकास मंच के जिलाध्यक्ष दिलेश्वर प्रसाद की शिकायत पर हुई थी कार्यवाही।  तहसील अदालतों से सम्बंधित मुकदमों की फाइल गायब होने के संबंध में मांगी गई थी सूचना। जुर्माने के बाद भी अब तक नही मिली सूचना।  बताते चलें कि भ्रष्टाचार निवारण विकास मंच के जिलाध्यक्ष दिलेश्वर प्रसाद ने 20 जनवरी 2017 को सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत एसडीएम के यहाँ एक जन सूचना मांगी थी। यहाँ से सूचना न मिलने पर दिलेश्वर ने 30 जून 2017 को राज्य सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया। शिकायतकर्ता दिलेश्वर ने दी आंदोलन की चेतावनी

बताते चलें कि आयोग में 12.06.2019 सुनवाई के दौरान भी न ही दिलेश्वर को कोई सूचना उपलब्ध करवाई गई और न ही आयोग के पूर्व आदेश का अनुपालन करवाया गया। एसडीएम की ओर से भेजे गए राजस्व निरीक्षक भी उक्त मामले में स्थिति स्पष्ट न कर सके। जिस पर अपीलार्थी को वांछित सूचना उपलब्ध न कराये जाने , विलम्ब होने पर किसी तरह का लिखित स्पष्टीकरण न देने और आयोग के आदेशों घोर अवहेलना करने का दोषी मानते हुये उनके विरुद्ध सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20(1) के तहत 25 हज़ार रुपए अर्थदंड का आरोपित किया गया था।

इसके साथ ही एसडीएम को अगले 15 दिन के भीतर सूचना उपलब्ध कराने के साथ साथ अगली सुनवाई पर सूचना की छायाप्रति उपलब्ध कराने के साथ साथ अब तक सूचना न देने का लिखित स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया गया था।

लेकिन इन सबके बावजूद दिनांक 27.11.2019 को हुई सुनवाई तक दिलेश्वर जो सूचना नही दी गई और न ही लिखित स्पष्टिकरण दिया गया। जिसपर आयोग ने एसडीएम पर 25 हज़ार का जुर्माना यथावत रखते हुये आदेश जारी किया था।

दिनांक 26 जून 2020 को उत्तर प्रदेश सूचना आयोग के रजिस्ट्रार ने जिलाधिकारी सुल्तानपुर को भी नोटिस पत्र भेज कर जुर्माना अदा करने का निर्देश देने के साथ साथ तीन माह में भीतर आख्या प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।

तहसील अदालतों से सम्बंधित मुकदमों की 3 फाइल गायब होने से नाराज दिलेश्वर ने भ्रष्टाचार निवारण एवं विकास मंच के बैनर तले प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। बीते 5 अक्टूबर को संस्था की बैठक में इन्होंने आंदोलन की रुपरेखा बनाई है और कलेक्ट्री तहसील में भ्रष्टाचार में लिप्त राजस्व कर्मियों और अधिकारियों के खिलाफ सीबीसीआईडी जांच करवाने की मांग का भी प्रपोजल रखा है।

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