*कभी बाबू शारदा सिंह( सोनू सिंह के बाबा) और बाबू केदार नाथ सिंह के बीच थे रिश्ते प्रगाढ़, लेकिन क्यों आई दरार। सुनिए विधायक सुल्तानपुर एवं पूर्व मंत्री विनोद सिंह की जुबानी*….
सुल्तानपुर विधायक विनोद सिंह और पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह उर्फ सोनू के परिवार के बीच जो कभी मधुर संबंध थे, आखिर उसमें दरार कैसे आ गई। कैसे पारिवारिक रिश्ते राजनीतिक प्रतिद्वंद्तिता में बदले और आज एक दूसरे के खिलाफ जबानी जंग शुरू हो गई है। बहरहाल विधायक विनोद सिंह ने आज इस मामले पर खुल के चर्चा की और लोगों के बीच अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा सोनू के बाबा को ब्लाक प्रमुख बनाने वाले मेरे पिता जी थे, उनके पिता को विधायक बनाने में मेरे परिवार का योगदान था। कमला नेहरू ट्रस्ट की स्थापना हुई तो खास लोगों जैसे बाबू शारदा सिंह (सोनू सिंह के बाबा) को उसमें ट्रस्टी बनाया गया। उन्होंने कहा कि मेरे पिता केदार नाथ सिंह और बाबू शारदा सिंह के बीच रिश्ते बेहद प्रगाढ़ थे। उन्ही के कहने पर पूर्व विधायक इंद्र भद्र सिंह को कमला नेहरू महाविद्यालय में शिक्षक की नौकरी दी गई। उनके निधन के बाद सोनू सिंह को कमला नेहरू संस्थान में लिपिक की नौकरी दी। फिर इन्होंने मेरे परिवार के साथ क्या किया। मेरे परिवार वालों पर अपत्तिजनक टिप्पणी की और मेरे भाई छोटे भाई के साथ जो किया।क्या क्षत्रिय होने के नाते मेरे खून में उबाल नहीं आएगा। इसके साथ ही दोनों के बीच हुई प्रतिद्वंदिता पर विधायक विनोद सिंह ने क्षत्रिय समाज से भी सवाल किया है कि अगर आप उनकी जगह होते तो क्या करते…सुनिए सुल्तानपुर विधायक एवं पूर्व मंत्री विनोद सिंह का बयान….