सुल्तानपुर में गुरुवार को अंजुमने पंजतनी तुराबखानी की तरफ से बड़ा इमाम बाड़ा जैनबिया तुराबखानी में एक मजलिस का आयोजन किया गया जिसमें सबसे पहले मजलिस मौलाना सैयद सलमान आबदी बंगलौर ने खेताब किया। उन्होंने कहा कि दस मोहर्रम को हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की शहादत के बाद उनके घरवालों को यजीद ने एक साल तक सीरिया की जेल में कैद रखा। एक साल बाद जब यजीद अपने मकसद में कामयाब न हो सका तो इन कैदियों को रिहा किया गया और चौथे इमाम इमाम जैनुल आबदीन की हथकड़ी बेड़ी काट दी गयी। फिर यजीद के महेल में हुसैन की बहन जैनब ने तीन दिन तक हुसैन का गम मनाया। वहीं से अजादारी की शुरूआत हुई ।इसके बाद जुलूस निकाला गया जुलूस में अलम ताबूत व जुल जनाह शामिल रहा और बीमारे करबला के बिस्तर के शबीह की जियारत करायी गयी। जुलूस में मुकामी अंजुमनो के अलावा अंजुमन गुन्चये मजलूमिया फैजाबाद, अंजुमन हुसैनिया इलाहाबाद ने नौहा मातम किया और मौलाना नदीम असगर बनारस व मौलाना डाक्टर अब्बास रजा नैयर जलालपुरी ने तकरीर की संचालन जीशान आजमी ने किया और जुलूस के अंत में काफेलये बनी असद के जरिये करबला के शहीदों के दफ्न का मंजर पेश किया गया ।