एक तरफ सरकार ने हरे और फलदार पेड़ों की कटान पर रोक लगा रखी है। लेकिन सरकार की इस मंशा पर पूर्व मंत्री मेनका गांधी के संसदीय क्षेत्र सुल्तानपुर में वन विभाग पानी फेरने पर लगा हुआ है। हाल ये है कि रातों रात अहाते में लगें दर्जनो फलदार पेड़ पर आरे चल गए और जिम्मेदार वन विभाग आंखों पर पट्टी बांधे हुये है।
दरअसल स्वस्थ जीवन के लिये स्वच्छ पर्यावरण का होना जरूरी है। लेकिन ये बातें हरियाली और स्वास्थ्य की लाइनें केवल कागजों में ही पढ़नी अच्छी लगती है। लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर है। हाल ये है कि पूर्व मंत्री मेनका गांधी के संसदीय क्षेत्र सुल्तानपुर में धड़ल्ले से हरे फलदार वृक्षों पर आरे चल रहे हैं लेकिन कोई बोलने वाला नही। बीती रात ऐसा मामला नगर के बघराजपुर में देखने को मिला। यहीं पर एक बंद अहाते में करीब 3 दर्जन हरे फलदार वृक्ष काट डाले गए। रात भर आरे चलते रहे, लेकिन न ही वन विभाग ने कुछ बोलना उचित समझा और न ही हर मामलों में पहुंचने वाली पुलिस ने कोई कार्यवाही की। वहीं सूत्रों की माने तो इस हाते के करीब डेढ़ दर्जन पेड़ों को काटने की अनुमति ली गई थी, लेकिन हकीकत में करीब दर्जन पेड़ काट लिए गये। हैरानी इस बात की है कि जब शासन ने हरे और फलदार पेड़ो की कटान पर रोक लगा रखी है तो जिले के वन विभाग ने इतने फलदार पेड़ों को काटने की अनुमति ही क्यों दे डाली।