हेरिंग्टनगंज अयोध्या,
अयोध्या जनपद के हेरिंग्टनगंज चौक में श्री हनुमान मन्दिर पर पूज्य संत बाबा दयारामदास जी महाराज के सानिध्य में चल रही भव्य संगीतमयी श्रीराम कथा ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन अयोध्या के प्रसिद्ध कथावाचक चंद्रदेव महाराज ने पार्वती जन्म की कथा सुनाते हुए कहा कि जिस समय पार्वती जी का जन्म राजा हिमांचल के घर हुआ उस समय चारों तरफ अपार खुशियां मनाई जा रही है जिसका वर्णन नहीं किया जा सकता। पार्वती के जन्म की खबर सुनते ही तमाम साधु संत उनके आस पास अपना आश्रम बनाकर सुखपूर्वक रहने लगे। चन्द्रदेव महाराज ने पार्वती जन्म पर बधाई गीत गाकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। वहीं प्रयागराज की पावन धरा से आयी हुई प्रसिद्ध कथावाचिका सुनीता शास्त्री जी ने शिव विवाह का सुन्दर प्रसंग विस्तार से सुनाया। उन्होंने कहा कि भूतभावन भगवान शंकर दूल्हे के वेश में काफी जच रहे थे। कैलाश पर्वत पर उनके गणों ने शिव का ऐसा श्रृंगार करवाया जो आज तक किसी दूल्हे का नहीं हुआ होगा। सूर्यदेव ने छत्र लगा रखा था तो चंद्र देव मस्तक का मुकुट बनकर उनकी शोभा बढ़ा रहे थे। गंगा-यमुना शिव को सुंदर चंवर डुला रही थी और आठों सिद्धियां उनके आगे नृत्य कर रही थी। भगवान विष्णु तथा इंद्र इत्यादि देव बारात में आगे-आगे चल रहे थे। अनेक रुप धरे शिव के गण अपनी परंपरागत वेशभूषा की वजह से शिव की ससुराल में कौतूहल का विषय बने। हिमवान नगर के निवासियों ने अपने जमाई दूल्हा बाबू बने शिव का स्वागत किया। शर्मीले शिव से माता पार्वती की सखियों ने काफी हंसी ठिठोली की। पार्वती के पिता राजा हिमालय व माता मैना ने शंकर के अद्भुत स्वरुप को देखकर भावविभोर हो गये। कथा के तीसरे दिन आरती मे हरंटीनगंज बाजार तथा आस पास के सैकड़ों गणमान्य लोग तथा माताएं बहनें शामिल हुई।