*मी-टू प्रकरण में चर्चित रहे कोतवाल नन्द कुमार तिवारी के खिलाफ हत्या के केस में गिरफ्तारी वारंट व अन्य कार्यवाही जारी*
*एसपी आजमगढ़ को जज इंतेखाब आलम ने आदेश का अनुपालन कर नन्द कुमार तिवारी को गवाही के लिए हाजिर कराने का दिया आदेश*
*कुड़वार थाना क्षेत्र में चार वर्ष पहले दूसरी पत्नी व पति के जरिये पहली पत्नी की हत्या के आरोप में चल रहा मुकदमा*
*रिपोर्ट-अंकुश यादव*
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सुल्तानपुर। पति के जरिये दूसरी पत्नी के साथ मिलकर पहली पत्नी को मौत के घाट उतारने के आरोप से जुड़े मामले में कई पेशियों से साक्ष्य देने में लापरवाही बरतने वाले आजमगढ़ जिले में तैनात निरीक्षक के खिलाफ अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम की अदालत ने कड़ा रुख अपनाया है। जज इंतेखाब आलम ने निरीक्षक नन्द कुमार तिवारी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट व 350 दण्ड प्रक्रिया संहिता की नोटिस समेत अन्य कार्यवाहियां जारी की है। अदालत ने एसपी आजमगढ़ को निरीक्षक नन्द कुमार तिवारी को साक्ष्य को लेकर 28 जून को पेश कराने का आदेश दिया है।
मामला कुड़वार थाना क्षेत्र स्थित कैथन टोला गांव से जुड़ा है। जहां पर हुई घटना का जिक्र करते हुए कटावां निवासी अभियोगी रामप्रसाद ने 17 मार्च 2018 को मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक अभियोगी ने अपनी बहन प्रभावती की शादी कुड़वार थाना क्षेत्र के ही कैथन टोला निवासी रामबहादुर कोरी से कराई थी,जिनके चार बड़े-बड़े बच्चे भी है। आरोप के मुताबिक बावजूद इसके प्रभावती के जिंदा रहते रामबहादुर कोरी ने घटना के कुछ वर्षों पूर्व शीला नाम की महिला से दूसरी शादी कर ली। अभियोगी के मुताबिक रामबहादुर अक्सर उसकी बहन को प्रताड़ित करता रहा और दूसरी शादी करने के बाद लगातार विवाद कर मारता-पीटता रहा। अभियोगी के मुताबिक उसकी बड़ी भांजी की शादी होनी थी,लेकिन रामबहादुर दूसरी पत्नी शीला के साथ मिलकर अक्सर बवाल ही करता रहता था। इन्हीं सब विवादों को लेकर रामबहादुर कोरी व उसकी दूसरी पत्नी शीला ने मिलकर रस्सी से गला कसकर प्रभावती को मौत के घाट उतार दिया। इस मामले में मृतका प्रभावती के भाई रामप्रसाद की तहरीर पर आरोपी रामबहादुर व उसकी दूसरी पत्नी शीला के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ और उसी धारा में आरोप-पत्र भी दाखिल हुआ। मामले का विचारण एडीजे प्रथम की अदालत में चल रहा है। जिसमे लगभग सभी अभियोजन गवाहों का साक्ष्य हो चुका है,लेकिन मामले की विवेचना करने वाले कोतवाल नन्दकुमार तिवारी साक्ष्य की कार्यवाही में कई पेशियों से लगातार गैरहाजिर चल रहे हैं,जबकि अदालत से उनके खिलाफ कई पत्र जारी किये गये। मिली जानकारी के मुताबिक नन्द कुमार तिवारी मौजूदा समय में आजमगढ़ जिले में थाना रानी की सराय में निरीक्षक पद पर तैनात है, जिनकी इस लापरवाही से गम्भीर अपराध से जुड़े केस का ट्रायल बाधित चल रहा है। इस लापरवाही पर कड़ा रुख अपनाते हुए जज इंतेखाब आलम ने गिरफ्तारी वारंट व 350 दण्ड प्रक्रिया संहिता की नोटिस जारी की है,मिली जानकारी के मुताबिक साथ ही अदालत ने उनका जुलाई माह का वेतन भी रोकने का आदेश दिया है। कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ को इस मुकदमे में 28 जून के लिए नन्द कुमार तिवारी को गवाही के लिए पेश कराने का आदेश दिया है। कोर्ट के इस कड़े रुख से मी-टू प्रकरण को लेकर काफी चर्चा में रहे पूर्व नगर कोतवाल नन्द कुमार तिवारी फिर चर्चा में आ गये है,जिनकी मुश्किलें बढ़ गई है।