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पढ़िए क्यों स्पेशल कोर्ट ने एसपी को दरोगा चुन्नूलाल के खिलाफ अविलम्ब विभागीय जांच बैठाने का दिया निर्देश,हटाई तफ्तीश

*स्पेशल कोर्ट ने एसपी को दरोगा चुन्नूलाल के खिलाफ अविलम्ब विभागीय जांच बैठाने का दिया निर्देश,हटाई तफ्तीश*

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*रेप की नीयत से हुए किशोरी के अपहरण केस में अवैध तरीके से आरोपी के पक्ष में ही दे दी किशोरी की सुपुर्दगी,लगा दी फाइनल रिपोर्ट*

*बीते 21 अप्रैल को कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ था मुकदमा,महज तीन सप्ताह के भीतर सतही तफ्तीश कर दरोगा ने आरोपियो को दे दी क्लीनचिट*

*स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा ने विवेचक की करतूत पर संज्ञान लेते हुए डिपार्टमेंटल जांच बैठाने व दूसरे से पुनः जांच कराने की कार्यवाही कर अवगत कराने का एसपी को दिया है निर्देश,बढ़ी चुन्नूलाल की मुश्किलें*

*रिपोर्ट-अंकुश यादव*
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सुलतानपुर। बलात्कार करने की नीयत से किशोरी का अपहरण करने के मामले में विवेचक चुन्नू लाल ने महज कुछ दिनों के भीतर ऐसी तफ्तीश कर डाली एवं कुछ ऐसे कारनामे कर दिये कि वह मुल्जिमो को बचाकर स्वयं ही कार्यवाही की जद में आ गए हैं। स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट पवन कुमार शर्मा की अदालत ने विवेचक की इस कार्यशैली पर संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा। जिस पर भेजे गये जवाब में विवेचक ने त्रुटिपूर्ण विवेचना करने की बात भी कबूल की है। मामले में संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने विवेचक के खिलाफ अविलम्ब विभागीय जांच कराने एवं किसी अन्य के जिम्मे तफ्तीश करने के लिए पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया है।
मालूम हो कि अभियोगी ने बीते 18 मार्च की घटना बताते हुए कुड़वार थाना क्षेत्र के बभनगवां निवासी आरोपीगण रामकुमार व राजकुमार के खिलाफ शौच के लिए निकले होने के दौरान बलात्कार करने की नीयत से अपनी नाबालिग बेटी का अपहरण कर लेने का आरोप लगाया एवं इस अपराध में उनके साथी कल्लू व अजय कुमार को भी शामिल होना बताते हुए पुलिस को सूचना दी। फिलहाल पुलिस ने पीड़ित पक्ष की सूचना पर एफआईआर नहीं दर्ज की। जिसके पश्चात अभियोगी ने कोर्ट की शरण ली। बीते 14 अप्रैल को स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा की अदालत ने मामले में संज्ञान लेते हुए आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर निष्पक्ष जांच के लिए थानाध्यक्ष कुड़वार को आदेशित किया। जिसके क्रम में पुलिस ने 21 अप्रैल को आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया। मामले की तफ्तीश कुड़वार थाने के दरोगा चुन्नूलाल को मिली। मिली जानकारी के मुताबिक विवेचक ने मामले में एफआईआर दर्ज करने के बाद किशोरी की बरामदगी की और दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-164 के अंतर्गत कोर्ट में उसका बयान दर्ज कराने के बाद हाईस्कूल के अंकपत्र व अन्य अभिलेखों के अनुसार पीड़िता के नाबालिग होने के बावजूद, बिना किसी सक्षम अधिकारी के आदेश के मुल्जिमो के पक्ष में ही गैर कानूनी ढंग से पीड़िता की सुपुर्दगी भी दे दी। यही नहीं आरोपियों को लाभ पहुंचाने की नीयत से विवेचक चुन्नूलाल ने मनमानी तफ्तीश कर उन्हें क्लीन चिट देते हुए मामले में फाइनल रिपोर्ट लगाकर कोर्ट में प्रेषित कर दिया। विवेचक ने यह सारी करतूत महज तीन सप्ताह के भीतर कर डाली। स्पेशल कोर्ट ने गैर कानूनी ढंग से दी गई किशोरी की सुपुर्दगी एवं मुल्जिमो से असंवैधानिक परितोष प्राप्त कर उन्हें अनुचित लाभ पहुंचाने के इरादे से की गई विवेचना को अपराध की श्रेणी में मानते हुए विवेचक को कारण बताओ नोटिस जारी किया। मिली जानकारी के मुताबिक विवेचक ने नोटिस के जवाब में अपने जरिये त्रुटिपूर्ण विवेचना करने की बात भी स्वीकार की है। मामले में दरोगा चुन्नूलाल ने न जाने किस चक्कर मे पड़कर इस कदर आंखे बन्द कर विवेचना कर डाली कि आरोपियों को अपनी कलम से राहत दे दी,लेकिन खुद को कार्यवाही की चपेट में ला लिया। स्पेशल जज ने दरोगा की इस करतूत पर संज्ञान लेते हुए पुलिस अधीक्षक को मामले की पुनः जांच के लिए अन्य विवेचक को नियुक्त करने एवं दरोगा चुन्नूलाल के खिलाफ बिना किसी देरी के विभागीय जांच बैठाकर न्यायालय को अवगत कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट के इस आदेश से कुड़वार थाने के दारोगा चुन्नूलाल की मुश्किलें बढ़ना लगभग तय मानी जा रही है।

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