*हत्या के प्रयास में सास-ससुर को बहू पहुँचाना चाहती थी जेल,पर एफटीसी कोर्ट के आदेश से मंशा हुई फेल*
*पुलिस की जांच में क्लीन चिट पा चुके सास-ससुर को बतौर अभियुक्त तलब करने के लिए बहू की तरफ से पड़ी थी अर्जी*
*जज कल्पराज सिंह ने अभियोजन कहानी को सटीक न मानते हुए खारिज की अर्जी,अभियोजन को लगा बड़ा झटका*
*मुसाफिरखाना थाना क्षेत्र के रसूलाबाद में जमीनी विवाद को लेकर साढ़े तीन साल पहले अभियोगी ने अपनी बहन के देवर व सास-ससुर के खिलाफ दर्ज कराया था मुकदमा*
*रिपोर्ट-अंकुश यादव*
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सुलतानपुर/अमेठी। हत्या के प्रयास मामले में मुल्जिम बने आरोपी युवक के अलावा पुलिस की जांच में क्लीन चिट पा चुके उसके माँ-बाप को भी अभियुक्त बनाने का प्रयास करने वाले अभियोजन पक्ष को एफटीसी प्रथम की अदालत से बड़ा झटका लगा है। एफटीसी जज कल्पराज सिंह की अदालत ने मौजूद अभियोजन साक्ष्यों के आधार पर पति-पत्नी को बतौर अभियुक्त तलब करना उचित न मानते हुए अर्जी खारिज कर दी है,जिससे अभियोजन पक्ष को बड़ा झटका लगा है।
मामला मुसाफिरखाना थाना क्षेत्र के रसूलाबाद गांव से जुड़ा है। जहां पर हुई घटना का जिक्र करते हुए कोटिया-कुड़वार के रहने वाले अभियोगी मुईन खान ने 14 दिसंबर 2018 की घटना बताते हुए मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक उसकी बहन हकीमुल निशा पत्नी गयासुद्दीन के ससुर बदरुद्दीन ने अपने दूसरे लड़के फरीदुद्दीन को घर बनाने के लिए जमीन बताई,जिसके बाद फरीदुद्दीन अपने पिता के जरिये दी गई जमीन पर मकान निर्माण कराने के लिए सामान गिरवाने लगा तो अभियोगी की बहन से यह सब होता देख रहा नहीं गया तो वह तत्काल खुद के लिए भी जमीन की मांग करने लगी। आरोप के मुताबिक इसी बात को लेकर बात इतनी बढ़ गई कि फरीदुद्दीन अपने हाथ में धारिया लेकर, बदरुद्दीन अपने हाथ में कुल्हाड़ी लेकर व सायरा बानो ने हसिया लेकर जान से मार डालने की नीयत से हकीमुल पर हमला कर दिया। इस मामले में अभियोगी मुईन खान की तहरीर के आधार पर तीनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। जिसके पश्चात बदरुद्दीन की पुत्री फिरदौस जहां ने पुलिस अधीक्षक अमेठी समेत अन्य अधिकारियों को पत्र भेजकर निष्पक्ष जांच की मांग की और अभियोगी मुईन खान एवं उसकी बहन हकीमुल निशा के जरिए महज जमीनी के लालच में दबाव बनाने के लिए फर्जी तरीके से मामला बनाने की बात कही। तफ्तीश के दौरान गवाहों के बयान एवं मौजूद मेडिकल रिपोर्ट व अन्य साक्ष्यों के आधार पर विवेचक ने नामजद आरोपी बदरुद्दीन एवं उसकी पत्नी सायरा बानो की भूमिका नहीं पाई,जिसके आधार पर विवेचक ने नामजद बदरुद्दीन व उसकी पत्नी सायरा बानो को क्लीन चिट दे दी और अकेले फरीदुद्दीन के खिलाफ मामले में आरोप-पत्र दाखिल किया। मामले का विचारण मौजूदा समय में एफटीसी प्रथम की अदालत में चल रहा है। मामले में अभियोगी मुईन खान एवं हकीमुल निशा की गवाही भी हो चुकी है। गवाही में आए तथ्यों के आधार पर अभियोजन पक्ष ने बदरुद्दीन व उसकी पत्नी सायरा बानो को भी बतौर अभियुक्त तलब करने के लिए दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-319 के अंतर्गत अर्जी दी। जिस पर सुनवाई के दौरान उभय पक्षो ने अपने-अपने साक्ष्य व तर्क पेश किए।उभय पक्षो को सुनने के पश्चात एफटीसी जज कल्पराज सिंह ने एफआईआर,मेडिकल रिपोर्ट एवं गवाही के दौरान सामने आए कथन समेत अन्य तथ्यों के दृष्टिगत अभियोजन की कहानी को सटीक न मानते हुए बदरुद्दीन व उसकी पत्नी सायरा बानो को बतौर अभियुक्त तलब करना जायज नहीं माना और अभियोजन पक्ष की अर्जी को खारिज कर दिया। अदालत ने अभियोजन की अर्जी खारिज कर मामले में शेष साक्ष्य के लिए 30 मई की तारीख तय की है। अदालत के इस आदेश से बदरुद्दीन व उसकी पत्नी सायरा को बतौर अभियुक्त तलब कराने की मंशा रखने वाली बहू व उसके भाई को बड़ा झटका लगा है।