*रात के अंधेरे में हथियारों से लैश होकर राहगीरों पर डाका डालने के पांच दोषियों को दस-दस साल की सजा व जुर्माना*
*जज पीके जयंत की कोर्ट ने पांच आरोपियों को माना दोषी,साक्ष्य के अभाव में आरोपी रुस्तम बरी,दोषियों को 40 हजार रुपये का कोर्ट ने ठोंका अर्थदंड*
*करीब दस वर्ष पूर्व गोसाईगंज थाना क्षेत्र में क्वालिस पंचर कर लैपटॉप,मोबाइल व करीब 10 लाख रूपये की नगदी पर डाका डालने के आरोप मे अज्ञात लोगो के खिलाफ दर्ज हुआ था मुकदमा*
*तफ्तीश के दौरान रिस्सू, रुस्तम, बब्लू निषाद,परशुराम हरिजन,रामनरेश व नदीम उर्फ निजामुद्दीन समेत अन्य का प्रकाश में आया था नाम,करीब पौने तीन लाख रूपये व अवैध हथियारों की हुई थी बरामदगी,अन्य वारदातों को भी किया था कबूल*
*रिपोर्ट-अंकुश यादव*
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सुलतानपुर। अंधेरी रात में वाहनों का टायर पंचर कर राहगीरों को अवैध हथियारों से डराकर उनके कीमती सामानों एवं लाखों की नगदी पर डाका डालने वाले गिरोह के सदस्यों को दोषी ठहराते हुए एडीजे सप्तम की अदालत ने उनकी सजा पर अपना फैसला सुनाया। जज पीके जयंत की अदालत ने इन दोषियों को दस-दस वर्ष के कठोर कारावास एवं दस-दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। वहीं अदालत ने साक्ष्य के अभाव में एक आरोपी को दोषमुक्त करार दिया है।
मालूम हो कि गोसाईगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत बांसगांव के पास 25 मई 2012 की रात हुई घटना का जिक्र करते हुए कादीपुर कोतवाली क्षेत्र के सराय कल्यानपुर निवासी अभियोगी पीयूष कुमार सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक ट्रेन से उतरने के बाद वह परिवार के अन्य लोगो के साथ अपनी टोयोटा क्वालिस पर बैठकर सुलतानपुर रेलवे स्टेशन से कादीपुर के लिए निकला। रास्ते मे बांसगांव के पास अचानक गाड़ी का टायर पंचर हो गया। आरोप के मुताबिक जब वह लोग टायर बनाने लगे तो हथियारों से लैश बदमाश आकर उन पर हमला बोल दिये और गाड़ी में रखा लैपटॉप, मोबाइल व करीब साढ़े 10 लाख रुपये नगदी पर डाका डाल दिया। इस घटना के सम्बंध में एफआईआर दर्ज हुई तो पुलिस सक्रिय हुई। तफ्तीश के दौरान पुलिस ने करीब आधा दर्जन आरोपियों का नाम प्रकाश में लाते हुए उन्हें गिरफ्तार किया। जिनमे कोतवाली नगर क्षेत्र के पांचोपीरन निवासी रिस्सू, रुस्तम, गोसाईगंज थाना क्षेत्र के टाटिया नगर निवासी बब्लू निषाद, इटकौली निवासी परशुराम हरिजन,जोलीमीरगंज निवासी रामनरेश एवं बाजार शुकुल थाना क्षेत्र के कबाड़ी का पुरवा निवासी नदीम उर्फ निजामुद्दीन एवं आरोपी मुइनुद्दीन का नाम सामने आया। इन आरोपियों के कब्जे से अवैध हथियार एवं करीब पौने तीन लाख रुपये नगदी की बरामदगी भी हुई। इतना ही नहीं इन आरोपियों ने इस घटना के पहले 24 मार्च 2012 की रात गाड़ी पंचर होने के बाद ही मो. अकरम व अन्य के साथ हुई डकैती की घटना को भी अंजाम देने का जुर्म इकबाल किया। सभी मामलो में आरोपियो के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल हुआ। जिसमें आरोपी मुइनुद्दीन को उस समय किशोर होने के चलते किशोर न्यायालय को आरोप-पत्र भेजा गया। शेष सभी आरोपियों का विचारण सभी मामलों में एक साथ अपर सत्र न्यायाधीश सप्तम की अदालत में चला। इस दौरान अभियोजन पक्ष से शासकीय अधिवक्ता संदीप सिंह व वादी के निजी अधिवक्ता उत्कर्ष शुक्ल ने अपने साक्ष्यों एवं गवाहों को प्रस्तुत किया। वहीं बचाव पक्ष ने भी अपने तर्को को पेश कर आरोपियो को बेकसूर साबित करने का भरपूर प्रयास किया। उभय पक्षो को सुनने के पश्चात अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पीके जयंत की अदालत ने छहो आरोपियो में से आरोपी रुस्तम को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। जबकि शेष पांचों आरोपियों को अदालत ने बीते बुधवार को ही डकैती व बरामदगी के अपराध में दोषी करार दिया था। जिनकी सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए आज शुक्रवार को अदालत ने पांचों दोषियों को दस-दस वर्ष के कठोर कारावास एवं दस-दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।