ये सियासत का महासमर है। जो इस महासमर में बाजी मार लिया वो पांच साल के लिये राजा बन जायेगा और जो हार गया उसे फिर अगले पांच साल तक इंतजार ही करना पड़ेगा। लिहाजा सभी दलों के जनप्रतिनिधि अपने अपने दल से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। जिसे टिकट मिल गया वो चुनाव प्रचार में जुट गया और जिसे नही मिला वो अपनी पार्टी के लिये समर्पित हो गया। लेकिन सुलतानपुर में समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक रामचंद्र चौधरी टिकट न मिलने से इतने नाराज हैं कि अपने ही प्रत्याशी के खिलाफ चुनावी समर में कूदने को तैयार हैं। लिहाजा आज नामांकन पत्र खरीदने कलेक्ट्रेट पहुंच गए और आरोप अपनी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर ही लगा डाला।