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अमेठी सुल्तानपुर

अमेठी विधायक के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट से जारी प्रॉसेस तमिला न कराने पर कोतवाल तलब। स्पेशल जज पीके जयंत ने प्रभारी निरीक्षक को सम्बंधित आख्या के साथ कोर्ट में हाजिर होकर स्पष्टीकरण देने का दिया है आदेश। बीते विधान सभा चुनाव के दौरान वर्ष 2017 में गरिमा सिंह के खिलाफ कोतवाली अमेठी में दर्ज हुआ था मुकदमा,कई महीनों से लटकी थी कोर्ट की कार्यवाही

*अमेठी विधायक के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट से जारी प्रॉसेस तमिला न कराने पर कोतवाल तलब*

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*स्पेशल जज पीके जयंत ने प्रभारी निरीक्षक को सम्बंधित आख्या के साथ कोर्ट में हाजिर होकर स्पष्टीकरण देने का दिया है आदेश*

*बीते विधान सभा चुनाव के दौरान वर्ष 2017 में गरिमा सिंह के खिलाफ कोतवाली अमेठी में दर्ज हुआ था मुकदमा,कई महीनों से लटकी थी कोर्ट की कार्यवाही*

*केस एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर होने के बाद जज ने लिया संज्ञान,विधायक के खिलाफ जारी सम्मन का न तो कराया गया तामिला और न ही दाखिल की गई कोई रिपोर्ट,कोर्ट हुई सख्त*

*रिपोर्ट-अंकुश यादव*
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सुलतानपुर। अमेठी विधायक गरिमा सिंह के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट से जारी प्रोसेस का तामिला ना कराने एवं उससे संबंधित कोई रिपोर्ट प्रेषित ना करने पर जज पीके जयंत ने कड़ा रुख अपनाया है। अदालत ने इस लापरवाही पर प्रभारी निरीक्षक अमेठी को कारण बताओ नोटिस जारी कर संबंधित आख्या के साथ व्यक्तिगत रूप से 14 अक्टूबर के लिए तलब किया है।
मामला अमेठी कोतवाली क्षेत्र से जुड़ा है। जहां के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक रामाकांत प्रसाद ने आठ फरवरी 2017 की घटना बताते हुए अमेठी विधानसभा क्षेत्र से तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी एवं वर्तमान विधायक गरिमा सिंह के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में विवेचक राम नारायन यादव ने अपनी तफ्तीश पूरी कर गरिमा सिंह के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र भी दाखिल किया था। जिसके बाद सम्बंधित निचली अदालत ने चार्जशीट पर संज्ञान भी ले लिया था,फिलहाल मामला काफी दिनों से संबंधित निचली अदालत पर दबा हुआ था, लेकिन हाल में ही पत्रावली एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर हुई, जिस पर सुनवाई करते हुए विशेष अदालत ने विधायक गरिमा सिंह के खिलाफ सम्मन जारी कर उन्हें तलब किया था। अदालत के आदेश का अनुपालन कराने के लिए कोतवाल अमेठी को जिम्मेदारी सौंपी गई थी, लेकिन मामले में नियत तिथि पर ना तो विधायक गरिमा सिंह ही हाजिर हुई और ना ही उनके खिलाफ भेजे गये सम्मन के संबंध में कोई रिपोर्ट ही अदालत में प्रस्तुत की गई। जिस पर कड़ा रुख अपनाते हुए स्पेशल जज पीके जयंत ने प्रभारी निरीक्षक अमेठी को कारण बताओ नोटिस जारी कर उन्हें सम्बंधित आख्या के साथ व्यक्तिगत रूप से 14 अक्टूबर के लिए तलब किया है। अदालत ने गरिमा सिंह के खिलाफ जारी सम्मन को किसी भी दशा में तामिल करा कर अदालत में रिपोर्ट भी दाखिल करने का आदेश दिया है। ऐसे में काफी दिनों से अदालत की कार्यवाही से बची अमेठी विधायक गरिमा सिंह की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं।

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