*बारह वर्ष पूर्व हुई किशोर की हत्या व साक्ष्य छिपाने में बिपिन उर्फ धर्मेंद्र सिंह को कोर्ट ने ठहराया दोषी,सजा पर सुनवाई कल*
*जिला एवं सत्र न्यायाधीश संतोष राय की अदालत ने साक्ष्य की पुष्टी होने पर ठहराया दोषी,गुरुवार को सजा पर आएगा कोर्ट का फैसला*
*सम्पत्ति व लड़की की एकतरफा चाहत में युवक ने अभियोगी के इकलौते पुत्र को उतारा था मौत के घाट,मासूम भाई को मारने के बाद उसकी बहन संग रिश्ता जोड़कर उसके पिता की संपत्ति हड़पने के इरादे से खेला था घिनौना खेल*
*करौंदीकला थाना क्षेत्र के मेवपुर बरचौली गांव में वर्ष-2009 में सातवीं के छात्र की हत्या कर शव को फेंका गया था गन्ने के खेत में,तफ्तीश में हुआ था मास्टर-गेम का खुलासा*
*रिपोर्ट-अंकुश यादव*
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सुलतानपुर। सम्पत्ति व लड़की की एकतरफा चाहत में बारह वर्ष पूर्व हुई किशोर की हत्या के मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश संतोष कुमार राय की अदालत ने मास्टर-गेम खेलने के आरोपी को दोषी करार दिया है। दोषी ठहराए गये युवक की सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए अदालत ने कल यानी 30 सितंबर की तारीख तय की है।
मामला करौंदीकला थाना क्षेत्र के मेवपुर-बरचौली गांव से जुड़ा है। जहां के रहने वाले अभियोगी ठाकुर प्रसाद सिंह का एकलौता पुत्र अंकित सिंह जो कि सातवीं का छात्र था, 20 फरवरी 2009 को स्कूल गया था, आरोप के मुताबिक दोपहर में अंकित घर पर खाना खाने भी आया था और फिर स्कूल चला गया।आरोप के मुताबिक उसी के बाद वह घर नहीं लौटा। परिजनों ने काफी खोजबीन की लेकिन कुछ पता ना चलने पर अगले दिन थाने में गुमशुदगी की सूचना दर्ज कराई। इसी के बाद दूसरे दिन गांव में ही गन्ने के खेत में अंकित की लाश मिली। अंकित की हत्या गला घोंट कर की गई थी और सबूत मिटाने की नीयत से उसकी लाश को गन्ने के खेत में फेंक दिया गया था। मामले में तफ्तीश के दौरान गांव के ही आरोपी बिपिन उर्फ धर्मेंद्र सिंह का नाम सामने आया, विवेचना में मिले साक्ष्यो के मुताबिक अंकित अपने पिता का एकलौता पुत्र था और उसकी मात्र एक बहन थी, जिस पर आरोपी धर्मेंद्र सिंह गलत नजर रखता था। आरोप के मुताबिक लड़की को पाने की एकतरफा चाहत एवं उसके एकलौते भाई को रास्ते से हटा कर उसके पिता की बेशुमार संपत्ति पर अपना कब्जा जमाने की मंशा से आरोपी ने इस वारदात को अंजाम दिया था। मामले में मिले साक्ष्यों के आधार पर आरोपी विपिन उर्फ धर्मेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्रवाई की गई एवं तफ्तीश पूरी होने पर आरोप-पत्र भी दाखिल हुआ। मामले का विचारण जिला सत्र न्यायालय में चला। इस दौरान बचाव पक्ष ने अपने साक्ष्यों एवं तर्कों को पेश कर आरोपी को बेकसूर बताया, वहीं अभियोजन पक्ष से जिला शासकीय अधिवक्ता तारकेश्वर सिंह एवं अभियोगी के निजी अधिवक्ता काशी प्रसाद शुक्ला ने अभियोजन पक्ष के गवाहों व साक्ष्यों को पेश कर आरोपी विपिन उर्फ धर्मेंद्र को ही घटना का जिम्मेदार ठहराया और उसे दोषी ठहरा कर कड़ी सजा से दंडित किए जाने की मांग की। उभय पक्षो को सुनने के पश्चात जिला एवं सत्र न्यायाधीश संतोष कुमार राय की अदालत ने आरोपी विपिन उर्फ धर्मेंद्र सिंह को हत्या एवं साक्ष्य मिटाने के प्रयास में दोषी ठहराया है। अदालत ने दोषी ठहराए गए युवक की सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 30 सितंबर की तारीख तय की है। इकलौते पुत्र की हत्या के 12 वर्ष बाद उसके असल दोषी को उसकी करनी के अंजाम तक पहुंचने पर आज अदालत का निर्णय सुनकर अभियोगी की आंखे आंसुओ से भर आईं।