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कुमार विश्वास के नये अधिवक्ता के जरिये पेश अर्जी एमपी-एमएलए कोर्ट ने पोषणीय न मानते हुए की खारिज,बी-डब्ल्यू बरकरार। नये अधिवक्ता के जरिये वारंट निरस्त करने सम्बन्धी प्रार्थना पत्र के साथ वकालतनामा के बजाय मेमो लगाने पर कोर्ट ने अर्जी को नहीं माना पोषणीय,किया खारिज,सुप्रीम कोर्ट में याचिका पेंडिंग होने का जिक्र करते हुए की गई थी उत्पीड़नात्मक कार्यवाही न करने की मांग। गैर हाजिर रहने का कारण न बताने की वजह से पिछली पेशी पर जज पीके जयंत ने कड़ा रुख अपनाते हुए बी-डब्ल्यू जारी करने का दिया था आदेश,नहीं आई जारी प्रॉसेस की रिपोर्ट,अनुपालन का हुआ आदेश

*कुमार विश्वास के नये अधिवक्ता के जरिये पेश अर्जी एमपी-एमएलए कोर्ट ने पोषणीय न मानते हुए की खारिज,बी-डब्ल्यू बरकरार*

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*नये अधिवक्ता के जरिये वारंट निरस्त करने सम्बन्धी प्रार्थना पत्र के साथ वकालतनामा के बजाय मेमो लगाने पर कोर्ट ने अर्जी को नहीं माना पोषणीय,किया खारिज,सुप्रीम कोर्ट में याचिका पेंडिंग होने का जिक्र करते हुए की गई थी उत्पीड़नात्मक कार्यवाही न करने की मांग*

*गैर हाजिर रहने का कारण न बताने की वजह से पिछली पेशी पर जज पीके जयंत ने कड़ा रुख अपनाते हुए बी-डब्ल्यू जारी करने का दिया था आदेश,नहीं आई जारी प्रॉसेस की रिपोर्ट,अनुपालन का हुआ आदेश*

*रिपोर्ट-अंकुश यादव*
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सुलतानपुर। आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन समेत अन्य आरोपों से जुड़े मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट से कुमार विश्वास के खिलाफ जारी बी-डब्ल्यू की कार्यवाही को निरस्त करने के लिए उनके नये अधिवक्ता के जरिये प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया,लेकिन कोर्ट ने प्रार्थना पत्र के साथ वकालतनामा न लगा होने की वजह से उनकी अर्जी को पोषणीय न मानते हुए खारिज कर दिया और मामले में आरोप के बिंदु व अग्रिम कार्यवाही पर सुनवाई के लिए 15 सितम्बर की तारीख तय की है।
मालूम हो कि वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान गौरीगंज एवं मुसाफिरखाना थाने में तत्कालीन आम आदमी पार्टी के लोकसभा प्रत्याशी कुमार विश्वास के प्रचार में आये होने के दौरान दिल्ली के वर्तमान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। गौरीगंज से जुड़े मामले में पुलिस ने अरविंद केजरीवाल, कुमार विश्वास, हरीकृष्ण,राकेश तिवारी अजय सिंह, बब्लू तिवारी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। इस मामले का विचारण एमपी-एमएलए की विशेष अदालत में चल रहा है। मामले में अरविंद केजरीवाल और कुमार विश्वास की तरफ से सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई थी, जिस पर सुनवाई के पश्चात सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें अग्रिम आदेश तक हाजिरी से छूट प्रदान की थी, सर्वोच्च न्यायालय में यह याचिका करीब छह वर्षों से विचारधीन है, जिसमें अभियोजन की तरफ से पैरवी में कोई रुचि ही नहीं ली जा रही है,जिसका नतीजा है कि मुकदमे की कार्यवाही काफी समय से लम्बित है। पिछली पेशी पर अभियोजन की इसी कार्यशैली की वजह से लम्बित सुनवाई के मद्देनजर अदालत ने विशेष लोक अभियोजक वैभव पांडेय के माध्यम से जिलाधिकारी को पत्र भेजकर शासन स्तर पर इस मुकदमे की सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करने के लिए भी कहा था, जिससे काफी दिनों से लम्बित मामले में कार्यवाही आगे बढ़ सके। फिलहाल इस जारी पत्र के बारे में अभियोजन की कोई कार्यवाही अभी सामने नहीं आ सकी है। इस मामले में गैरहाजिर रहने की वजह न बताने के कारण कोर्ट ने पिछली पेशी पर कुमार विश्वास व सह आरोपी अजय विक्रम सिंह के खिलाफ बी-डब्ल्यू वारंट जारी करने का आदेश दिया था। मामले में इस पेशी पर भी कुमार विश्वास हाजिर नही हुए ,बल्कि उनके पुराने अधिवक्ता के बजाय नये अधिवक्ता के जरिये सुप्रीम कोर्ट में याचिका पेंडिंग होने का हवाला देते हुए जारी वारंट सम्बन्धी आदेश निरस्त करने की मांग की गई। जिस पर सुनवाई के पश्चात अदालत ने प्रार्थना पत्र के साथ वकालतनामा न लगा होने की वजह से उनकी तरफ से प्रस्तुत अर्जी को पोषणीय न मानते हुए खारिज कर दिया। ऐसे में कुमार विश्वास के खिलाफ जारी बीडब्ल्यू आदेश अब भी बरकरार है। अदालत ने जारी बी-डब्ल्यू प्रॉसेस की निष्पादन रिपोर्ट न दाखिल होने की वजह से कार्यालय को आदेश का अनुपालन कराने का आदेश दिया है। वहीं सह आरोपी अजय विक्रम सिंह की अर्जी सशर्त स्वीकार कर अदालत ने बी-डब्ल्यू आदेश निरस्त कर दिया है।अदालत ने मामले में आरोप विरचित करने व अग्रिम कार्यवाही पर सुनवाई के लिए 15 सितम्बर की तारीख तय की है। मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व अन्य आरोपियों की तरफ से उनके अधिवक्ताओं के जरिये प्रस्तुत की गई सुप्रीम कोर्ट में याचिका पेंडिंग होने सम्बन्धी अर्जी व हाजिरीमाफी अर्जी को कोर्ट ने स्वीकार किया है।

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