दरअसल अर्चना सिंह इसौली के पूर्व विधायक चन्द्र भद्र सिंह और धनपतगंज के पूर्व प्रमुख यशभद्र सिंह मोनू की छोटी बहन हैं। इन्होंने पहली बार वार्ड नम्बर 24 से जिला पंचायत का चुनाव लड़ा और भारी मतों से निर्वाचित हुई। अब वे जिला पंचायत अध्यक्ष पद की निर्दलीय प्रत्याशी हैं। आज अर्चना अचानक पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुची और शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया कि शासन सत्ता के दबाव में विरोधी प्रत्याशी और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ऊषा सिंह द्वारा अब उन्हें लगातार परेशान किया जा रहा है। इतना ही नही जो उनके समर्थित प्रत्याशी हैं उन्हें भी मेरे पक्ष में मतदान न करने की लगातार धमकियां दी जा रही हैं। ऐसा न करने पर समर्थित प्रत्याशियों को फर्जी मुकदमों में जेल भेजने की लगातार धमकियां दी जा रही हैं। अर्चना द्वारा एसपी को दिए गए शिकायती पत्र में ये भी आरोप लगाया गया है की ऊषा सिंह और उनके पति शिवकुमार सिंह द्वारा भाई चन्द्र भद्र सिंह और यशभद्र सिंह को जेल भेजने की धमकी दी जा रही है ताकि ये लोग आराम से जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज हो सकें। फिलहाल अर्चना ने कहा कि वे किसी से डरने वाली नही हैं उन्होंने कहा कि विधायको को विकास करना चाहिये लेकिन वे बदला लेने में जुटे हुये हैं। उन्होंने साफ कहा कि मेरे साथ पक्षपात रवैया अपनाया जा रहा है। उन्होंने सांसद मेनका गांधी और सदर विधायक सूर्यभान सिंह के लिये साफ कहा कि वे उनकी बेटी की उम्र की हैं लिहाजा पक्षपात बन्द करें। उन्होंने साफ कहा कि मैं अपना विकास करने नही नही आई बल्कि जिले का विकास करने आई हूँ।