स्वास्थ्य मंत्री के प्रभार वाले सुल्तानपुर जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था राम भरोसे है। जिन अस्पतालों को ग्रामीणों के इलाज के लिये वर्षो पहले बनवाया गया था अब उस अस्पताल को खुद ही इलाज की जरुरत है। मुख्य बिल्डिंग को छोड़ दिया जाय तो इस अस्पताल के बाकी कमरों में भूसे उपले और फसलों के खर पतवार रखे जा रहे हैं। अन्य कमरों में टूटी फर्श और बारिश में छत से पानी टपकना यहां आम बात है। पिछले 4 साल से यहां डॉक्टर की तैनाती ही नही है , कोरोना महामारी के दौरान आस पास के गांव में दर्जनों लोगों की इसके सिम्टम्स से मौत के बाद भी यहां केवल एक फार्मासिस्ट के भरोसे ही हज़ारों की आबादी के इलाज का जिम्मा है…..