सरकार स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लाख दावे करे, लेकिन ग्रामीण इलाकों की स्थिति बद से बदतर है। सूबे के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह सुल्तानपुर के प्रभारी मंत्री हैं लेकिन यहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का बुरा हाल है। लंभुआ ब्लाक के गारवपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का भी यही हाल है। आस पास के 25 गांव में ये इकलौता प्राथमिक स्वस्थ्य केंद्र है। बगल के गांव तातोमुरैनी गांव में करीब 50 लोगों की कोरोना सिम्टम्स से मौत हो चुकी है। बावजूद इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की हालत में सुधार नही हुआ। केवल डॉक्टर के चैम्बर को छोड़ दिया जाय तो पूरा अस्पताल बद से बदतर है। अस्पताल में रखे बेड और अन्य चिकित्सीय उपकरण खराब हो चुके हैं। पानी की टंकी जब अस्पताल बना था तब से बनी हुई है, लेकिन वहां बिजली कनेक्शन न होने चलते आज तक शुरू ही नही हुई। अस्पताल के अन्य कमरे और आवास का भी पूरी तरह जर्जर हो चुका है। हाल ये है कि वहां भूसे और फसलों के खर पतवार रखे गए हैं। अन्य कमरों में पड़े कूड़ों से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति क्या है।