*पूर्व विधायक सोनू सिंह व उनके भाई मोनू सिंह की जमानत को चुनौती,एमपी-एमएलए कोर्ट में केस ट्रांसफर*
*निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष उषा सिंह ने जिला एवं सत्र न्यायालय में दी अर्जी,छह मई को होगी सुनवाई*
*एमपी-एमएलए कोर्ट इलाहाबाद ने अपराध में संलिप्तता पाये जाने पर जमानत वापस ले सकने की शर्त रखकर दी थी जमानत*
*अगस्त-2019 में जमानत मिलने के बाद से सोनू सिंह पर पांच तो मोनू सिंह बढ़े है 11 मुकदमे*
*रिपोर्ट-अंकुश यादव*
————————————–
सुलतानपुर। बाहुबली भाईयों पर दर्ज दलित उत्पीड़न समेत अन्य आरोपों से जुड़े मामले में जमानत रद्द करने की मांग को लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष ऊषा सिंह ने जिला एवं सत्र न्यायालय में अर्जी दी है। जिसे एडमिट करते हुए जिला जज ने राज्य सरकार एवं पूर्व विधायक चन्द्रभद्र सिंह सोनू व उनके भाई यशभद्र सिंह मोनू को नोटिस जारी करने का निर्देश देते हुए मामले में आपत्ति व सुनवाई के लिए आगामी 6 मई की तारीख तय की है। जिला जज ने मामले को सुनवाई के लिए विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट पर ट्रांसफर कर दिया है।
मामला कूरेभार थाना क्षेत्र स्थित धनपतगंज ब्लाक मुख्यालय से जुड़ा है। जहां पर पांच फरवरी 2016 को हुई घटना का जिक्र करते हुए ऊषा सिंह पत्नी शिव कुमार सिंह ने प्रमुख पद के नामांकन के दौरान पूर्व विधायक चन्द्रभद्र सिंह सोनू उनके भाई यशभद्र सिंह मोनू एवं उनके समर्थकों के विरूद्ध ब्लाक प्रमुख पद की प्रत्याशी नीलम कोरी को जातिसूचक अपशब्द कहने, उनके समर्थित प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने पर जान से मार डालने की धमकी देने समेत करीब दर्जनभर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में पूर्व विधायक व उनके भाई को सात अगस्त 2019 को एमपी-एमएलए इलाहाबाद कोर्ट के स्पेशल जज पवन कुमार तिवारी ने सशर्त जमानत मंजूर की थी। अदालत ने साफ शब्दों में भविष्य में अपराध में संलिप्तता पाए जाने पर इनकी जमानत वापस ले सकने का जिक्र अपने आदेश में किया था। फिलहाल अब दोनों भाईयों की जमानत आदेश को जिला पंचायत अध्यक्ष ऊषा सिंह ने अपने अधिवक्ता संतोष कुमार पांडेय को पैरवी के लिए नियुक्त कर उनके माध्यम से जमानत को चुनौती देते हुए रद्द करने की मांग की है। ऊषा सिंह ने अपनी अर्जी में आरोप लगाया है कि एमपी-एमएलए कोर्ट से इस मुकदमें में जमानत मिलने के बाद यशभद्र सिंह मोनू के खिलाफ करीब 11 नये मामले दर्ज हुए, जिनके खिलाफ अब गंभीर धाराओ में दर्ज 36 मुकदमों की लम्बी फेहरिस्त है। वहीं पूर्व विधायक चन्द्रभद्र सिंह सोनू के खिलाफ भी इस मुकदमें में जमानत मिलने के बाद पांच मुकदमें और बढ़े हैं। अब तक पूर्व विधायक के खिलाफ 19 मुकदमों की क्रिमिनल हिस्ट्री बताई जा रही है। जिला पंचायत अध्यक्ष ऊषा सिंह ने इन्हें माफिया गिरोह चलाने, आपराधिक गैंग का नेतृत्व करने एवं थाने का हिस्ट्रीशीटर होने समेत अन्य गम्भीर आरोप अपनी अर्जी में लगाए हैं। दोनो भाइयो के जमानत पर रिहा रहने से समाज के लिए खतरा होना भी बताया गया है। आरोप के मुताबिक दोनो भाइयो की दहशत की वजह से कोई उनके खिलाफ गवाही तक नहीं देता है,जिससे मुकदमे में वे बरी हो जाते है। ऊषा सिंह की अर्जी को एडमिट करते हुए जिला जज की कोर्ट ने विपक्षियों को नोटिस जारी कर आपत्ति व निस्तारण के लिए अगली तारीख तय की है। जिला जज ने मामले में अगली सुनवाई के लिए प्रकरण का विचारण कर रहे एमपी-एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश पीके जयंत की अदालत पर ट्रांसफर कर नियमानुसार सुनवाई का निर्देश दिया है।