*किडनैपिंग एवं रेप के केस में ‘हरिश्चंद्र’ को सात वर्ष का कठोर कारावास,10 हजार रुपये का अर्थदंड*
*एफटीसी प्रथम पीके जयंत की अदालत ने एक को माना दोषी,दो मिले निर्दोष*
*करीब आठ साल पहले की है घटना,मुंशीगंज थाना का क्षेत्र का मामला*
*एफटीसी कोर्ट पर तैनात एडीजीसी(क्रिमिनल) दानबहादुर वर्मा ने वर्तमान वर्ष में सबसे ज्यादा मामलों में दोषियों को सजा दिलाने में पाई सफलता*
*रिपोर्ट-अंकुश यादव*
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सुलतानपुर। शौच के निकली किशोरी को किडनैप करने एवं दुष्कर्म के मामले में एफटीसी प्रथम/विशेष न्यायाधीश एमपी -एमएलए की अदालत ने एक आरोपी को दोषी करार दिया है। जिसे न्यायाधीश पीके जयंत ने सात वर्ष के कठोर कारावास एवं 10 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। वहीं दो सह आरोपियों को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है।
मालूम हो कि मुंशीगंज थाना क्षेत्र के बन्दोईया गांव के रहने वाले आरोपी हरिश्चंद्र व सह आरोपी सगे भाई ज़िलेदार व पवन के खिलाफ अभियोगिनी ने 17 अप्रैल 2013 की घटना बताते हुए शौच के लिए निकली अपनी 17 वर्षीय पुत्री की किडनैपिंग व रेप के आरोप में मुंशीगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया। मामले में तीनों आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल हुआ। मामले का विचारण एफटीसी प्रथम की अदालत में चला। मामले के विचारण के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अपने साक्ष्यों एवं तर्कों को पेश करते हुए आरोपियो को बेकसूर बताया। वहीं अभियोजन पक्ष से पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता दान बहादुर वर्मा ने अभियोजन के गवाहों व अन्य साक्ष्यों को प्रस्तुत कर आरोपियों को ही घटना का जिम्मेदार ठहराया और उन्हें कड़ी सजा से दंडित किए जाने की मांग की। उभय पक्षो को सुनने के पश्चात न्यायाधीश पीके जयंत ने आरोपी हरिश्चंद्र को किडनैपिंग व रेप के आरोप में दोषी ठहराया है,जिसे अदालत ने सात वर्ष के कठोर कारावास एवं 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। वहीं अदालत ने सह आरोपी जिलेदार व पवन को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। विदित हो कि एफटीसी प्रथम की अदालत पर तैनात एडीजीसी दान बहादुर वर्मा ने वर्तमान वर्ष में अमेठी व सुल्तानपुर जिले से जुड़े छह मामलों में अपनी सक्रिय पैरवी से सबसे अधिक मामलों में आरोपियों को सजा दिलाकर उनकी करनी के अंजाम तक पहुंचाने में बड़ी सफलता हासिल की है।