*एमपी-एमएलए कोर्ट से इंटरनेशनल शूटर वर्तिका सिंह को झटका,अर्जी खारिज,लेंगी हाईकोर्ट की शरण*
*वर्तिका सिंह ने स्मृति ईरानी समेत तीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर करीब दो माह पूर्व एमपी-एमएलए कोर्ट में दी थी अर्जी*
*केंद्रीय मंत्री और दो सहयोगियों पर लगा है महिला आयोग का सदस्य बनाने की आड़ में 25 लाख की डिमांड व धोखाधड़ी का आरोप*
*मानहानि के केस में स्मृति ईरानी के खिलाफ आज तीन गवाहो ने कोर्ट में दिया अपना बयान,शेष साक्ष्य के लिए छह को पेशी*
*रिपोर्ट-अंकुश यादव*
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सुलतानपुर। भारत सरकार की मंत्री व अमेठी सांसद स्मृति ईरानी एवं उनके निजी सचिव कहे जाने वाले विजय गुप्ता समेत तीन के खिलाफ केस दर्ज कराने व निष्पक्ष जांच को लेकर इंटरनेशनल शूटर वर्तिका सिंह ने गम्भीर आरोप में मुकदमा दर्ज कराने व निष्पक्ष जांच के आदेश की मांग को लेकर एमपी-एमएलए कोर्ट की शरण ली थी। वर्तिका की अर्जी पर बहस सुनकर कोर्ट ने आदेश सुरक्षित कर लिया था,जिस पर आज अपना फैसला सुनाते हुए विशेष न्यायाधीश पीके जयंत ने वर्तिका की अर्जी को निराधार मानते हुए खारिज कर दी। वहीं मानहानि से जुड़े केस में कोर्ट ने तीन गवाहों के बयान दर्ज कर अगली सुनवाई के लिए छह तारीख तय की है।
मालूम हो कि अंतर्राष्ट्रीय निशानेबाज वर्तिका सिंह ने केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और उनके निजी सचिव कहे जाने वाले विजय गुप्ता और भाजपा नेता डा. रजनीश सिंह पर धोखाधड़ी समेत अन्य गम्भीर आरोप लगाते हुए एमपी-एमएलए की विशेष अदालत में केस दायर किया था। वर्तिका सिंह का आरोप है कि केंद्रीय मंत्री की सह से उनके करीबियों ने उन्हें केन्द्रीय महिला आयोग के सदस्य पद का फर्जी पत्र जारी किया। पद पर बैठाने के नाम पर एक करोड़ की मांग की, लेकिन वर्तिका की अच्छी प्रोफाइल होने की बात कहकर मात्र 25 लाख रूपए में ही कराने का झांसा दिया गया। मंत्री के करीबियों ने फेसबुक व वाट्सअप पर हुई चैटिंग में कई बार वर्तिका को महिला आयोग का सदस्य बनाने का विश्वास दिलाया और उसके नाम पर तमाम औपचारिकताएं भी महज दिखावे के लिए पूरी कराई। यहां तक कि केंद्रीय मंत्री के करीबी के जरिये वर्तिका से सोशल साइट पर लूज-टाक भी करने की बात सामने आई। जिसके बाद ही लूज-टाक का विरोध करने व उनकी डिमांड पूरी करने के बजाय वर्तिका ने जब भ्रष्टाचार का खेल उजागर करने की धमकी दी तो उसी पर मुसाफिरखाना थाने में केस भी दर्ज करा दिया गया,जबकि वर्तिका के मुताबिक उन्होंने जारी फर्जी लेटर के बारे में पीएम समेत अन्य को पोस्ट कर दी थी। हालांकि हाईकोर्ट ने वर्तिका सिंह की याचिका स्वीकार कर मामले में गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है और केस की परिस्थितियों को देखते हुए कड़ी टिप्पणी कर विवेचक को रिपोर्ट भी दाखिल करने का आदेश दिया है। वर्तिका का आरोप है कि वह ही पीड़ित है और उसे ही सत्ता के दबाव में फर्जी केस में फंसाने के लिए षडयंत्र भी रच दिया गया। वर्तिका ने आरोपियों के पद-प्रभाव की वजह से कोई सुनवाई न होने पर निराश होकर न्यायालय की शरण ली थी। वर्तिका की ओर से केस दर्ज कर निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर कोर्ट में पड़ी अर्जी पर उनके अधिवक्ता रोहित त्रिपाठी ने पिछली पेशी पर अपने पक्ष को रखते हुए बहस की थी। जिस पर कोर्ट ने बहस सुनकर आर्डर रिजर्व कर लिया था और भ्रामक रिपोर्ट भेजने वाले मुसाफिरखाना थाने के दरोगा से जवाब-तलब भी किया था। आज स्मृति ईरानी समेत तीन के खिलाफ पड़ी अर्जी पर अपना फैसला सुनाते हुए जज पीके जयंत ने वर्तिका की अर्जी को निराधार मानते हुए खारिज कर दिया है। अदालत के इस आदेश से वर्तिका को बड़ा झटका लगा है। फिलहाल उन्होंने हिम्मत न हारने की बात कहकर हाईकोर्ट की शरण लेने की बात कही है। वहीं केंद्रीय मंत्री की पैरवी के लिए नियुक्त अधिवक्ता संतोष कुमार पांडेय ने वर्तिका की अर्जी खारिज होने पर बयान दिया कि महज केंद्रीय मंत्री व भाजपा की छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से मनगढ़ंत तथ्यों के आधार पर अर्जी पेश की गई थी,जिसे न्यायालय ने निराधार मानते हुए खारिज कर दी। वहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ वर्तिका के जरिये दायर किये गये मानहानि के दूसरे केस में तीन गवाहों ने स्मृति ईरानी के खिलाफ अपना बयान कोर्ट में दर्ज कराया। मामले में अतिरिक्त साक्ष्य पेश करने के लिए आगामी छह मार्च की तिथि नियत की गई है।मामले में वर्तिका का बयान पहले ही पूरा हो चुका है। वर्तिका के जरिये अपनाई गई कानूनी कार्यवाहियों से केंद्रीय मंत्री व उनके करीबियों की मुश्किलें आज आये कोर्ट के फैसले से फिलहाल कुछ कम हो गई है लेकिन अभी इतनी आसानी से खत्म होती नजर नही आ रही है।