*आपदा में अवसर बदलने का खेल अधिकारियों का उजागर हो चुका है* ,
कोरोना किट घोटाले में सुल्तानपुर सहित प्रदेश के बहुतायत जनपदों में घोटाला सामने आ रहा है , कोविड 19 महामारी में प्रदेश सरकार ने गरीब , निराश्रित , असहायों की मदद के लिये , पका खाना , राशन किट जैसी तमाम व्यवस्थाएं सुनिश्चित की है , जिसकी जानकारी के लिये प्रदेश सरकार ने जिला प्रशाशन को निर्देशित भी किया है कि आपदा की इस घड़ी में प्रदेश सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओ को मीडिया के समछ रख्खे, जिससे सरकार की योजनाओं की पारदर्शिता के साथ आम जन को जानकारी हो सके। *लेकिन सुल्तानपुर जनपद में कोविड 19 के तहत सरकार द्वारा दी जा रही विस्तृत सुविधाओ की जानकारी मीडिया को एक माह से बंद कर दिया गया , सूत्र बताते है कि ,जिसका कारण यह रहा कि मीडिया ने धरातल पर सुविधाओ की पड़ताल कर सच का खुलासा करने में जुट गई थी , जिसको देखते हुए जिला प्रशाशन ने कोविड 19 आपदा राहत सुविधाओ की प्रेस विज्ञप्ति जारी करना बंद कर दिया*।
*एक माह बाद जारी हुआ आपदा सुविधा प्रेस विज्ञप्ति-*–
कोविड 19 आपदा राहत सुविधा की प्रेस विज्ञप्ति लगभग माह भर बाद जिला प्रशाशन ने जारी किया , यह प्रेस विज्ञप्ति तब जिला प्रशाशन ने जारी किया , जब तत्कालीन डी एम सी इंदुमति को शासन ने कोरोना किट मामले में हुए भ्र्ष्टाचार को लेकर स्थानांतरण कर दिया ।
*आखिर क्यों नही जारी हुआ लगभग एक माह से विज्ञप्ति–*-
लगभग एक माह बाद कोविड 19 आपदा राहत सुविधा का प्रेस विज्ञप्ति जारी करना अपने आप मे एक सवाल खड़ा करता है , सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब कोरोना किट की खरीद को लेकर जिले के ग्राम पंचायतों में शाशन से निर्धारित धनराशि के सापेक्ष तिगने चौगने दामों पर खरीद कर भारी पैमाने पर घोटाला किया गया है , तो जारी प्रेस विज्ञप्ति में श्रम विभाग द्वारा दी जा रही सहायता, सामुदायिक किचन, राशन किट , जैसी तमाम जानकारियां विस्तृत रूप से थी , वही जारी प्रेस विज्ञप्ति में 49 आश्रय स्थलों का भी हवाला दिया गया है , जिसमे सेनेटाइजर , साबुन , खाना , विस्तर जैसी सुविधा देने का भी हवाला है , लेकिन यह आश्रय स्थल कहाँ खोले गए है , इस बात की खबर सिर्फ जिला प्रशाशन को ही है । वही राशन किट की बात करे तो , जिसको लेकर नगर के सभासदो सहित स्थानीय महिलाओं ने राशन किट में दी जा रही सामग्रियों पर अनियमितता का आरोप लगाया था , एक माह बाद जारी प्रेस विज्ञप्ति पर एक बड़ा सवाल निकल कर सामने आता दिख रहा है , कही प्रेस विज्ञप्ति न जारी करना , कही कोरोना किट मामले से बड़ा घोटाला तो प्रदर्शित तो नही कर रहा है ।बहरहाल , विज्ञप्ति जारी न करने का मामला चाहे जो भी रहा हो, लेकिन कोरोना किट मामला , आपदा राहत सुविधाओ की प्रेस विज्ञप्ति न जारी करना इस बात को कही न कही जरूर प्रदर्शित कर रहा है कि इस कोविड 19 में जनपद के अधिकारियों ने आपदा में अपने आप को अवसर में बदलने का काम किया है , अगर इस आपदा में सरकार द्वारा दी गई धनराशि का उच्चस्तरीय जांच कराई जाय तो , कोरोना किट जैसे तमाम चीजो में घोटाले निकल कर सामने आएंगे। इस महामारी में जिला प्रशासन को आम जनता एवं विभिन्न दलों द्वारा बढ़ चढ़ कर सामाजिक योगदान दिया गया था, लेकिन अधिकारियों ने उनके योगदान को भी धूमिल कर दिया और खेल कर गये।