*अंधे की 32 बीघा जमीन महज 28 लाख में साजिशकर्ताओ ने करा लिया एग्रीमेंट,हो सकता है मुकदमा*
*रिश्तेदारी का फायदा उठाकर साजिशकर्ताओ ने जन्म से अंधे व्यक्ति की करोड़ो की जमीन का जयसिंहपुर रजिस्ट्री दफ्तर में करा लिया इकरारनामा*
*रजिस्ट्री कार्यालय के बाबुओ व रजिस्ट्रार की भूमिका भी संदिग्ध, नियम-कानून को ताक पर रख सेटिंग-गेटिंग के बल पर हो गया एग्रीमेंट*
*रिपोर्ट-अंकुश यादव*
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सुलतानपुर। जन्म से अंधे व्यक्ति की आंख का इलाज कराने के बहाने तहसील ले जाकर उसकी करोड़ों की सम्पत्ति मनमाने दामों में तय दिखाकर षडयंत्र रचकर रिश्तेदारों के जरिये एग्रीमेंट कराने के मामले में पुलिस अधीक्षक के पास केस दर्ज कराने को लेकर शिकायत हुई है। इस सम्बंध में पुलिस जांच के नाम पर कार्यवाही को रोके हुई है।
मामला कूरेभार थाना क्षेत्र स्थित राजूपुर एकडला गांव से जुड़ा है। जहां के रहने वाले गिरजा प्रसाद सुक्ल जन्म से ही अंधे हैं। उनके साथ हुई धोखा-धड़ी के सम्बंध में उनके भतीजे सुरेन्द्र तिवारी ने पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र देकर गम्भीर आरोप लगाए है। आरोप के मुताबिक उसके चाचा गिरजा प्रसाद के नाम गांव में करीब 32 बीघा जमीन है, जिसकी कीमत करोड़ों में मानी जा रही है। आरोप के मुताबिक जन्म से अंधे गिरजा प्रसाद शिकायतकर्ता सुरेन्द्र तिवारी के परिवार की देख-रेख में ही रहते है, सुरेन्द्र तिवारी के मुताबिक कभी-कभी अयोध्या जिले के रहने वाले उसके बहनोई विक्रम बहादुर पाण्डेय घर पर आते-जाते थे और रिश्तेदार होने के कारण लोग उन पर भरोसा भी करते थे। आरोप है कि बीते नवम्बर माह में सुरेन्द्र के चाचा गिरजा प्रसाद विक्रम बहादुर पाण्डेय के यहां गए हुए थे। इसी दौरान साजिश के तहत शिकायतकर्ता के पट्टीदार पंकज तिवारी वर्तमान निवासी कस्बा- कूरेभार ने अंधे की सम्पत्ति हड़पने की नीयत से गिरजा प्रसाद की आंख का ईलाज व आपरेशन कराने के बहाने जयसिंहपुर ले गए, जहां साजिशकर्ता उन्हें डाक्टर के पास ले जाने के बजाय उनकी करोड़ों की सम्पत्ति हड़पने की नीयत से तहसील स्थित रजिस्ट्री कार्यालय लेकर पहुंच गए। रजिस्ट्री दफ्तर जाकर उनकी करोड़ों की करीब 32 बीघा जमीन का पंकज तिवारी व आरती पाण्डेय पत्नी अनुभव पाण्डेय निवासी मीरापुर, मनियापुर थाना कूरेभार ने 28 लाख में सौदा तय होने की बात दर्शाते हुए सवा लाख रूपए एडवांस के तौर पर देने की बात दिखाकर एग्रीमेंट करवा लिया। जबकि एग्रीमेंट में गिरजा प्रसाद के अंधे होने व सम्बंधित सम्पत्ति के बावत हुई लिखा-पढ़ी को रजिस्ट्री के पहले उन्हें पढ़कर सुनाने का कोई जिक्र भी नहीं किया गया है। शिकायतकर्ता के मुताबिक रजिस्ट्रार व वहां के बाबुओं की मिलीभगत से आरोपियों ने इस खेल को रिश्तेदारी का फायदा उठाकर अंजाम दिया है। धोखाधड़ी का शिकार हुए गिरजा प्रसाद शुक्ल के भतीजे ने प्रकरण की जानकारी होने पर एसपी को शिकायती पत्र देकर मामले में मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की मांग की है। इस सम्बंध में थाने की पुलिस कई दिनों से कह रही है कि प्रकरण की जांच जारी है,और जांच की आड़ में कार्यवाही को लटकाएं हुए है। उधर डिप्टी रजिस्ट्रार मामले में अपनी सफाई देते हुए गोलमोल जवाब देते नजर आये। धोखेबाज रिश्तेदारों व रजिस्ट्री दफ्तर के जिम्मेदार अफसरों की इस करतूत की वजह से पीड़ित पक्ष न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है।