*गैंगरेप पीड़िता ने सोचा था कि छुपा लूंगी अपना दर्द,पर होनी को नहीं था मंजूर और इस तरीके से सच आया सामने*
*दर्द होने पर डॉक्टर की सलाह पर जांच कराई तो निकली प्रेग्नेंट,फिर मां से बताई आप बीती*
*कुड़वार पुलिस ने डेढ़ सप्ताह पूर्व दर्ज किया मुकदमा,लेकिन पुलिसिया ढिलाई के चलते गिरफ्तारी से बचे है आरोपी*
*मजदूरी करने गई युवती से दो आरोपियों ने किया था दुष्कर्म,शिकायत करने पर परिवार को खत्म कर देने की मिली थी धमकी*
*रिपोर्ट-अंकुश यादव*
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सुलतानपुर। मजदूरी करने गई युवती की मजबूरी का फायदा उठाकर उसके साथ गैंगरेप के मामले में पुलिस ने डेढ़ सप्ताह पूर्व मुकदमा तो दर्ज कर लिया,लेकिन अभी तक किसी भी आरोपी को जेल नहीं भेज सकी है। इस सम्बंध में थानाध्यक्ष ने सबूत जुटाकर जल्द ही कार्यवाही का दावा किया है।
मालूम हो कि कुड़वार थाना क्षेत्र के कोटिया गांव निवासी आरोपी शहंशाह व इसी से सटे सीमावर्ती धम्मौर थाना क्षेत्र के खड़सा निवासी आरोपी मोईद के खिलाफ करीब ढाई महीना पूर्व हुई घटना का जिक्र करते हुए पीड़िता ने गम्भीर आरोप लगाते हुए कुड़वार थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है। आरोप के मुताबिक पीड़िता अपनी माँ के साथ धान पीटने के लिए गई थी, दिन में करीब 11 बजे उसकी माँ खाना लाने के लिए घर चली गई तो उसकी बेटी को अकेला पाकर आरोपी शहंशाह सुत अनीस ने जबरन उसके साथ दुष्कर्म किया। लड़की के चिल्लाने की आवाज सुनकर पहुंचे दूसरे आरोपी मोईद ने शहंशाह को तो डांटकर वहां से भगा दिया, लेकिन लड़की की गरीबी व मजबूरी का फायदा उठाने में उसने भी कसर नही छोड़ी और स्वयं भी उसके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दे दिया। यही नहीं मोईद ने इस घटना की शिकायत करने व किसी से बताने पर उसके परिवार वालों को जान से खत्म कर डालने की धमकी भी दी। नतीजा यह रहा कि गैंगरेप की शिकार पीड़िता ने डर-वश एवं अपने परिवार की कमजोर स्थिति की वजह से अपने साथ हुई घटना के बारे में किसी से उफ तक नहीं किया और सारे दर्द छिपाकर जुर्म के खिलाफ आवाज ही नही उठाई। लेकिन उसे क्या पता था कि आरोपियों ने जिस वारदात को अंजाम दिया है उसे वह भले छिपाने का प्रयास कर रही है लेकिन वह किसी न किसी बहाने सामने आ ही जाएगी। दरअसल में बीते जनवरी माह में पीड़िता को कुछ तकलीफ हुई और वह परेशन हो गई तो उसने माँ के साथ जाकर डाक्टर से सलाह ली तो डाक्टर ने अल्ट्रासाउंड कराने की बात कही। अल्ट्रासाउंड कराने पर पता चला कि आरोपियों के दुष्कर्म की शिकार पीड़िता गर्भवती हो गई है। जब जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई तो पीड़िता को अपना छुपा दर्द सामने लाकर माँ से सारी बात बतानी ही पड़ी। पीड़ित पक्ष की मानें तो आरोपियों के वर्ग के लोग उस क्षेत्र में ज्यादा है जिसकी वजह से कमजोर व कम वर्ग के लोगो को उनकी प्रताड़ना का शिकार होना के बावजूद भी उनकी डर की वजह से हर हाल में अपने दर्द को दबाना ही पड़ता है,नहीं तो अपने प्रभाव के दम पर आरोपी किसी न किसी तरीके सिस्टम भिड़ाकर अपना बचाव कर ही लेते है। फिलहाल आरोपियों की इतनी दहशत होने के बावजूद मौजूदा सरकार से न्याय मिलने की उम्मीद पर पीड़ित पक्ष ने अपनी इज्जत के आगे जान की परवाह न कर थाने पर तहरीर दी। बताया जा रहा है कि काफी जद्दो-जहद के बाद पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज किया, लेकिन केस दर्ज हुए डेढ़ सप्ताह बीतने के बाद भी आज तक किसी भी आरोपी को पुलिस जेल नहीं भेज सकी है। आरोप के मुताबिक करीब तीन-चार दिनों से पुलिस उसे 164 के बयान एवं अन्य कार्यवाहियों के नाम पर भी दौड़ाती रही। फिलहाल यह प्रकरण मीडिया की जानकारी में आया तो बात-चीत करने पर हरकत में आई पुलिस ने कल पीड़िता का कोर्ट में 164 का बयान दर्ज कराया। इस सम्बंध में थानाध्यक्ष अरविन्द पाण्डेय ने बताया कि पीड़िता के जरिए कोर्ट में दिए गए बयान एवं अन्य साक्ष्यों के आधार पर जल्द ही आरोपियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी। अब देखना है कि पुलिस आरोपियों के खिलाफ कितने समय मे और क्या कार्यवाही करती है ?