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सुल्तानपुर-दुष्कर्म के केस में चचेरे मामा को कोर्ट ने सुनाई 10 साल के कठोर कारावास की सजा व ठोंका जुर्माना। 10 वर्ष पूर्व स्कूल गई किशोरी को बहलाकर भगा ले गया था रिश्ते में लगने वाला मामा।पीड़िता की बरामदगी होने पर कोर्ट में दिये बयान में हुई थी रेप की पुष्टी।एफटीसी जज पीके जयंत की अदालत ने दोषी ओमप्रकाश मिश्र को सुनाई सजा।

*दुष्कर्म के केस में चचेरे मामा को कोर्ट ने सुनाई 10 साल के कठोर कारावास की सजा व ठोंका जुर्माना*

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*10 वर्ष पूर्व स्कूल गई किशोरी को बहलाकर भगा ले गया था रिश्ते में लगने वाला मामा*

*पीड़िता की बरामदगी होने पर कोर्ट में दिये बयान में हुई थी रेप की पुष्टी*

*एफटीसी जज पीके जयंत की अदालत ने दोषी ओमप्रकाश मिश्र को सुनाई सजा*

*रिपोर्ट-अंकुश यादव*
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सुलतानपुर। स्कूल गई छात्रा को बहला कर भगा ले जाने एवं दुष्कर्म के मामले में एफटीसी प्रथम की अदालत ने आरोपी रिश्तेदार को दोषी ठहराया है। स्पेशल जज पीके जयंत ने दोष सिद्ध चचेरे मामा को 10 वर्ष के कठोर कारावास एवं 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
मामला लम्भुआ थाना क्षेत्र से जुड़ा है। जहां की रहने वाली पीड़िता के पिता ने 17 अगस्त वर्ष 2011 की घटना बताते हुए मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक उसकी 16 वर्षीय पुत्री घटना के दिन विद्यालय गई थी जिसे आरोपी ओम प्रकाश मिश्रा पुत्र बब्बन निवासी धरियाकला-हिनौता थाना हैदरगंज जिला फैजाबाद बहलाकर भगा ले गया।इस मामले में आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। तफ्तीश के दौरान पीड़िता की बरामदगी हुई, जिसने अपने बयान में दुष्कर्म की पुष्टि की। इस मामले में आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म सहित अन्य धाराओं में आरोप पत्र दाखिल हुआ। मामले का विचारण एफटीसी प्रथम की अदालत में चला। इस दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने आरोपी ओमप्रकाश मिश्र को बेकसूर बताया। वहीं अभियोजन पक्ष से शासकीय अधिवक्ता दान बहादुर वर्मा ने पेश गवाहों व अन्य साक्ष्यो के आधार पर अपराध को साबित करने में कड़ी मेहनत की। उभय पक्षो को सुनने के पश्चात न्यायाधीश पीके जयंत ने आरोपी ओमप्रकाश को भगा ले जाने एवं दुष्कर्म के आरोप में दोषी ठहराया है। बचाव पक्ष ने आरोपी की इसी नवम्बर माह में ही शादी तय होने की बात कहते हुए कोर्ट से सजा में नरमी बरतने की मांग की, वहीं अभियोजन पक्ष ने निकटतम रिश्तेदारी में दुष्कर्म जैसी घटना को अंजाम देने वाले आरोपी चचेरे मामा को सामाजिक दृष्टिकोण से अधिक से अधिक सजा से दंडित किए जाने की मांग की। उभय पक्षो को सुनने के पश्चात न्यायाधीश पीके जयंत ने ओमप्रकाश मिश्र को 10 वर्ष के कठोर कारावास एवं 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।

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