पूरे देश में जहां दशहरे के दिन दुर्गापूजा महोत्सव का समापन हो जाता है तो वहीं पूरे भारत में उत्तर प्रदेश का सुल्तानपुर ऐसा जिला है जहां दशहरे के दिन ऐतिहासिक दुगपूजा महोत्सव का शुभारंभ होता है। दशमी से लेकर ये महोत्सव पूर्णिमा तक चलता है। उसी दिन शोभायात्रा के जरिए देवी प्रतिमाएं विसर्जन के लिए निकलती हैं, लेकिन शोभायात्रा में ही 48 घंटे से ज्यादा का समय लगता है, जिसके बाद ये सभी देवी प्रतिमाएं एक एक कर सीताकुंड घाट पहुंचती हैं जहां आदि गंगा गोमती की जलधारा में इन्हे प्रवाहित कर नम आंखों से विदाई दी जताई है।