👉 *बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात नटवरलाल पिस्टल बाबू का बड़ा कारनामा उजागर*
*बेसिक शिक्षा विभाग के परियोजना में दो दशकों से तैनात लिपिक संविदा कर्मी की नियुक्ति को लेकर सवाल खड़े होते नजर आ रहे है* , जानकारों की माने तो बेसिक शिक्षा विभाग के परियोजना में तैनात लिपिक की नियुक्ति ही परियोजना के नियमावली के तहत ही नही है , *जानकारों की माने तो परियोजना की नियमावली के अनुसार जिला प्राथमिक शिक्षा परियोजना में लिपिक , आशुलिपिक, ड्राइवर , चपरासी, कम्प्यूटर ऑपरेटर की तैनाती प्रतिनयुक्ति के आदेश है* , वही जानकारों की बात अगर सत्य है तो बेसिक शिक्षा विभाग के परियोजना में तैनात संविदा कर्मी लिपिक की नियुक्ति डायरेक्ट कैसे हो गई , *दो दशकों से बेसिक शिक्षा विभाग के परियोजना में तैनात यह संविदा कर्मी की नियुक्ति अगर फर्जी है तो वेतन से लेकर हर माह डी ए जैसे भत्ता कैसे और किसके आदेशो पर निर्गत किया जा रहा है* , बहरहाल सूत्र तो यहाँ तक बताते है कि तत्कालीन कई बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इस नटवरलाल लाल पिस्टल बाबू संविदा कर्मी की फर्जी नियुक्ति को लेकर जानकारी भी थी , *लेकिन इस नटवर लाल संविदा कर्मी की नियुक्ति की फाइल तत्कालीन कई बी एस ए की आंखों से ओझल भी रहा है* , जैसा कि बेसिक शिक्षा विभाग के तीन संस्करणों में आप ने इस नटवरलाल संविदा कर्मी के कारनामो को पढ़ा होगा , अंदाजा भी लगा लिया होगा कि जब इस संविदा लिपिक की नियुक्ति की फाइल से तत्कालीन कई बी एस ए ओझल रहे *तो अपनी फर्जी नियक्ति को बचाने के लिये कैसे इस नटवरलाल संविदा कर्मी लिपिक ने तत्कालीन कई बी एस ए पर अपना शिकंजा कसा रहा होगा* ,
बहरहाल वर्तमान बी एस ए साहिबा ने इस संविदा कर्मी को समेकित शिक्षा, सामुदायिक शिक्षा, बालिका शिक्षा, सहित परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों की निलंबन व बहाली का कार्य सौप कर यह साबित कर दिया है कि बी एस ए साहिबा इस योगी सरकार में बिना नियम व कानून सरकार की प्राथमिकता का विभाग चला रही है ।
*सूत्रों की माने तो बेसिक शिक्षा विभाग में नटवरलाल संविदा लिपिक द्वारा तीनो विभागों का काम भी देखा जा रहा है , बेसिक से लेकर परियोजना के महत्वपूर्ण विभागों की फाइलों का भी रख रखाव भी इसी संविदा कर्मी द्वारा भी किया जा रहा है* , लेकिन सूत्रों की माने तो विभाग के पत्रों पर आउटसोर्सिंग पर रक्खे गए लिपिकों का हस्ताक्षर करवा कर अपने को बेदाग व विभाग के उच्चाधिकारियों पर तलवार लटकाने की तैयारी में लगा हुआ है , *जिससे विभाग के उच्चाधिकारियों पर इसका शिकंजा बना रहे है , और मलाई खाता रहे* ।
बहरहाल इस संविदा कर्मी की नियुक्ति से लेकर परियोजना व बेसिक के महत्वपूर्ण विभाग की जांच कराई जाय तो शायद इस विभाग में इस नटवरलाल संविदा बाबू के कारनामे का फर्जीवाड़ा यू पी का सबसे बड़ा घोटाला बनकर आ सकता है ।