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सुल्तानपुर

किशोरी को उसकी सहेली के घर बुलवाकर हबस का शिकार बनाने के दोषी ‘विनोद गुप्ता’ को 10 साल की कैद व 50 हजार का अर्थदंड

*किशोरी को उसकी सहेली के घर बुलवाकर हबस का शिकार बनाने के दोषी ‘विनोद गुप्ता’ को 10 साल की कैद व 50 हजार का अर्थदंड*

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*स्पेशल जज पाक्सों एक्ट पवन कुमार शर्मा की अदालत ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए सुनाई कठोर कारावास काटने की सजा,सह आरोपी बनी सहेली को साक्ष्य के अभाव में किया बरी*

*करीब तीन साल पहले दोस्तपुर थाने में पीड़िता की मां की तहरीर पर दर्ज हुई थी एफआईआर,किशोरी की सहेली व विनोद के खिलाफ दाखिल हुई थी चार्जशीट*

*चार्जशीट दाखिल होने के बाद एक फरवरी 2020 को चार्ज बनने पर शुरू हुआ ट्रायल,कोर्ट की सक्रियता से करीब एक वर्ष चार महीने में ट्रायल हुआ पूरा,पीड़ित पक्ष को मिला न्याय,दोषी विनोद को मिला करनी का परिणाम*

*रिपोर्ट-अंकुश यादव*
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सुलतानपुर। 16 वर्षीय किशोरी को उसकी सहेली के घर बुलवाकर टीवी देखने के बहाने कमरा बंद कर दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी विनोद गुप्ता को स्पेशल जज पाक्सो एक्ट की अदालत ने दोषी ठहराया है। स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा की अदालत ने दोषी को 10 वर्ष के कठोर कारावास एवं 50 हजार रूपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। जबकि अदालत ने साक्ष्य के अभाव में सहआरोपी बनी पीड़िता की सहेली को बरी कर दिया है।
मालूम हो कि 16 वर्षीय किशोरी की मां ने 18 मई 2019 को हुई घटना का जिक्र करते हुए दोस्तपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक उसकी बेटी को उसकी सहेली सुरीता ने बहाना बनाकर अपने घर बुलाया,जहां पर वह पहले से ही जयसिंहपुर थाना क्षेत्र के महमूदपुर-लखनपुर के रहने वाले आरोपी विनोद गुप्ता को बैठाकर रखी थी। आरोप के मुताबिक उसकी सहेली ने पीड़िता को कमरे के अंदर कर टीवी देखने के बहाने दरवाजा बंद कर दिया। जिसके पश्चात आरोपी विनोद ने पीड़िता से जबरन दुष्कर्म किया और कोई शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी। मामले में आरोपी विनोद एवं पीड़िता की सहेली सुरीता के खिलाफ गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ और दोनो को गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्यवाही की गई। विवेचक ने मामले में तफ्तीश पूरी कर न्यायालय में दोनो के खिलाफ आरोप पत्र भी दाखिल किया। एक फरवरी 2020 को कोर्ट ने दोनो आरोपियो के खिलाफ चार्ज-फ्रेम कर मामले का ट्रायल शुरू किया। मामले का विचारण स्पेशल जज पाक्सों एक्ट की अदालत में चला। ट्रायल के दौरान बचाव पक्ष ने अपने साक्ष्यों एवं तर्कों को प्रस्तुत कर आरोपियो को बेकसूर बताया। वहीं अभियोजन पक्ष से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक रमेश चन्द्र सिंह ने अभियोजन गवाहों एवं अन्य साक्ष्यों को प्रस्तुत करते हुए आरोपियो को ही घटना का जिम्मेदार ठहराया और उन्हें दोषी ठहराकर कड़ी सजा से दण्डित किये जाने की मांग की। उभय पक्षों को सुनने के पश्चात स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट पवन कुमार शर्मा की अदालत ने आरोपी सुरीता को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है,वहीं अदालत ने आरोपी विनोद गुप्ता को दोषी ठहराते हुए उसे 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा भुगतने एवं 50 हजार रूपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। अदालत ने अर्थदंड के धनराशि की 75 प्रतिशत रकम पीड़ित पक्ष को देने का आदेश पारित किया है। कोर्ट की सक्रियता से मामले का विचारण तेजी से हुआ और चार्ज बनने के बाद मात्र एक वर्ष चार माह में केस का ट्रायल पूरा हो गया, नतीजतन दोषी विनोद को उसकी करनी की सजा मिल गई और पीड़ित पक्ष को शीघ्र न्याय मिल पाया।

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