*विवाहिता को जलाकर मौत के घाट उतारने के दोषी पति,जेठ व सास को 10-10 वर्ष का कठोर कारावास*
*एडीजे प्रथम जज इंतेखाब आलम की अदालत ने तीनो आरोपियो को ठहराया है दोषी,10-10 हजार का ठोंका अर्थदंड*
*करीब सवा छह साल पहले मृतका के पिता ने बेटी को जलाकर मार डालने समेत अन्य आरोपो मे ससुरालीजनों के खिलाफ दर्ज कराया था मुकदमा,सजा पर आया फैसला*
*रिपोर्ट-अंकुश यादव*
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सुलतानपुर। करीब सवा छह साल पहले विवाहिता को जलाकर मौत के घाट उतारने के आरोपी पति,जेठ व सास को एडीजे-प्रथम जज इंतेखाब आलम की अदालत ने दहेज हत्या सहित अन्य आरोपो में दोषी ठहराया है। जिन्हें अदालत ने दस-दस वर्ष के कठोर कारावास एवं दस-दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
मामला कुड़वार थाना क्षेत्र स्थित पासिनका पुरवा-कोटिया गांव से जुड़ा है। जहां के रहने वाले राजू के साथ गौरीगंज थाना क्षेत्र के मऊ पूरे बाबू निवासी अभियोगी भोलानाथ ने घटना के करीब पांच वर्ष पूर्व अपनी बेटी सुनीता का विवाह संपन्न कराया था। आरोप के मुताबिक ससुरालीजनों ने मनमुताबिक दहेज की डिमांड न पूरी होने के चलते सास-सूरसती के ललकारने पर 11 जनवरी 2016 को सुनीता को जला दिया था,जिससे वह बुरे तरीके से झुलस गई थी,जिसे इलाज के लिए जिला अस्पताल-सुलतानपुर में भर्ती कराया गया था। जानकारी मिलने पर अभियोगी पहुँचा तो सुनीता ने आरोपी ससुरालीजनों के जरिये वारदात को अंजाम देने की बात बताई थी,जिसके पश्चात इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। इस मामले में आरोपी पति राजू,जेठ-संजय, ससुर-शिवकुमार पासी व सास-सूरसती के खिलाफ दहेज हत्या सहित अन्य आरोपो में मुकदमा दर्ज हुआ। मामले में आरोपियो के खिलाफ दहेज हत्या समेत अन्य आरोपो में चार्जशीट दाखिल हुई। मामले का विचारण एडीजे प्रथम की अदालत में चला। दौरान विचारण आरोपी ससुर-शिवकुमार की मृत्यु हो गई,शेष तीन आरोपियों के खिलाफ विचारण पूर्ण हुआ। इस दौरान *शासकीय अधिवक्ता पवन कुमार दूबे* ने 11 अभियोजन गवाहों को परीक्षित कराया और आरोपियो को ही दोषी ठहराने के लिए भरपूर पैरवी की। वहीं बचाव पक्ष ने अपने साक्ष्यों एवं तर्कों को प्रस्तुत कर आरोपियो को बेकसूर बताया। मामले में उभय पक्षों को सुनने के पश्चात *एडीजे प्रथम जज इंतेखाब आलम* की अदालत ने आरोपी पति,जेठ व सास को प्रताड़ना व दहेज हत्या के आरोप में दोषी करार दिया। जिनकी सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए अदालत ने सभी दोषियों को दस-दस वर्ष के कठोर कारावास एवं 10-10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।